आशु भटनागर I गौतम बुध नगर में भारतीय जनता पार्टी के महिला प्रकोष्ठ की राजनीति में विवाद दिन-ब-दिन सामने आते जा रहे हैं । 3 दिन पहले ही जिले की महिला जिला अध्यक्ष रजनी तोमर के खिलाफ मंडल की एक कार्यकर्ता प्रीति भारद्वाज ने तमाम आरोप लगाए थे जिनको किसी तरीके से समाप्त किया गया लेकिन अब भाजपा की क्षेत्रीय अध्यक्ष वर्षा कौशिक ने अपने जन्मदिन पर जिला कार्यालय में आए आकर रजनी तोमर को ना बुलाकर नए विवाद को जन्म दे दिया है भाजपा के सूत्रों की माने तो रजनी तोमर के खिलाफ लगातार उनके, साथ और उनके ऊपर के पदाधिकारी हटाने की साजिश रच रहे हैं । और उनकी जानकारी के बिना जिले के साथी पदाधिकारियों को बुलाया जा रहा है और उन्हें छोड़ दिया जा रहा है
एनसीआर खबर को मिली जानकारी के अनुसार आज भाजपा की क्षेत्रीय अध्यक्ष वर्षा कौशिक का जन्मदिन था और वह जिला कार्यालय पहुंची थी जहां उनका जन्मदिन मनाया जाना प्रस्तावित था लेकिन इस कार्यक्रम में जिले की महिला अध्यक्ष रजनी तोमर को नहीं बुलाया गया जबकि जिले की सभी मंडलों की अध्यक्ष और जिला महिला उपाध्यक्ष इस कार्यक्रम में मौजूद थी। ऐसे में संदेश साफ दिखाई दे रहा है कि भाजपा में कहीं ना कहीं महिला संगठन में आपस में गहरे मतभेद हैं और वह अब सतह पर दिखने शुरू हो गए है
एनसीआर खबर में इस मामले को लेकर क्षेत्रीय अध्यक्ष वर्षा कौशिक को फोन करके इस सबको पता करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं लगा वही रजनी तोमर इस मामले पर हो रही साजिश से हैरान हैं उनका कहना है कि उनको भी किसी ने बताया कि उनके लिए कहा गया है कि इनको कोई काम नहीं दिया जाएगा और इनको निष्क्रिय कर दिया जाएगा । शायद मेरे अच्छे कार्यों का यही फल है । आपको बता दें रजनी तोमर पेशे से अध्यापिका हैं ऑर गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देती हैं। पिछले करीब 17 सालों से भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही हैं जिसके बाद साल पहले ही उन्हे महिला जिलाध्यक्ष बनाया गया था
जिले में ब्राह्मण बनाम गैर ब्राह्मण, गुर्जर बनाम गैर गुर्जर के खेल में पिस जाते है अच्छे कार्यकर्ता
वही जिले की राजनीति इसे ब्राह्मण बनाम ठाकुर की राजनीति को भी माना जा रहा है भाजपा सूत्रों की माने तो प्रदेश में नए भाजपा अध्यक्ष चुने जाने की सुगबुगाहट के बाद ब्राह्मणों की लाबी भी एक्टिव हो गई है और वह लगातार इस कोशिश में है कि किसी ब्राह्मण को फिर से प्रदेश अध्यक्ष बना दिया जाए ब्राह्मण लॉबी का दावा है कि ओबीसी को मौका देने के बाद अब मौका ब्राह्मण का है ।
ऐसे में दिल्ली एनसीआर से सटे इस क्षेत्र की ब्राह्मण लॉबी भी किसी तरीके से जिले में ब्राह्मणों का वर्चस्व स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं । जिले में ब्राह्मण गुर्जर और ठाकुर 3 जातियों का वर्चस्व है और ये लड़ाई हमेशा संगठन और एमएलए एमपी के टिकट के समय यह लड़ाई तेज हो जाती है।
वर्तमान में जिले के जनप्रतिनिधियों का अगर सामाजिक वर्चस्व देखा जाए 2 जिले में दो सांसद जिनमें एक ब्राह्मण और एक गुर्जर समाज से हैं जबकि एक एमएलसी ब्राह्मण समाज से हैं एक विधायक गुर्जर समाज से हैं और दो विधायक क्षत्रीय समाज से है इनके अलावा दादरी चेयरमैन भी ब्राह्मण समाज से हैं और एक मात्र पंचायत चेयरमैन जाट समुदाय से है ।
जबकि संगठन में जिला अध्यक्ष गुर्जर समाज से हैं तो महिला अध्यक्ष क्षत्रिय समाज से हैं और उसके बाद युवा अध्यक्ष भी गुर्जर समाज से है । ओर इसी महिला जिला अध्यक्ष के खिलाफ राजनीति शुरू हो गयी है
जातिविहीन राजनीति का दावा करने वाली बीजेपी के सूत्रों के अनुसार ब्राह्मण लाबी का सोचना है कि अगर प्रदेश में भाजपा अध्यक्ष ब्राह्मण बना तो ऐसे में कई जगह जिला अध्यक्ष की कुर्सियों पर ब्राह्मण नेताओं को स्थापित करने में आसानी रहेगी माना यह भी जा रहा है कि दादरी चेयरमैन की सीट के लिए भी ब्राह्मण उम्मीदवार की दावेदारी को मजबूत करने के लिए यह सब दबाव की राजनीति की जा रही है