नोएडा जैसे आधुनिक शहर में आवारा कुत्तों का आतंक कोई नई बात नहीं है यहां हर दूसरे दिन कहीं ना कहीं आवारा कुत्तों द्वारा बच्चों महिलाओं और बुजुर्गों पर हमला करने की घटनाएं आती रहती हैं लेकिन इस सब से प्रशासन अथॉरिटी और पुलिस के अधिकारियों अनजान हैं या फिर मौन है ।
ताजा घटना नोएडा शहर शहर के 137 सेक्टर के पारस टियरा (Paras Tierea) सोसाइटी की है सोशल मीडिया में आई जानकारी के बाद के अनुसार पारस टियरा में रहने वाली बबीता कौशिक को उनके बेसमेंट में पांच आवारा कुत्तों द्वारा हमला कर दिया गया जिसमें खुद को बचाने के प्रयास में वह ना सिर्फ घायल हुई बल्कि कुत्तों ने उनकी पीठ पर नोच लिया और उनके हाथ की हड्डी भी टूट गई बबीता कौशिक के अनुसार तीन अलग-अलग हॉस्पिटल से राय लेने के बाद उनके इलाज में अब 80000 से ₹100000 तक का खर्च बताया गया है
रविवार को थाना 142 के सेक्टर 137 की पारसटियरा सोसाइटी में एक महिला को आवारा कुत्तों ने हमला करके घायल कर दिया, SHO के अनुसार आवारा कुत्तों का मामला पुलिस का नहीं @noida_authority
— NCRKHABAR (@NCRKHABAR) July 18, 2022
का है @dmgbnagar का है पीड़ितपरेशान #NCRKhabar @noida_authority @alok24 @CeoNoida @myogiadityanath pic.twitter.com/F2eVm1ZbcW
बबीता कौशिक ने एनसीआर खबर को बताया की वह घटना के बाद थाना 142 में रिपोर्ट के लिए गई जहां पुलिस ने उन्हें बताया कि कुत्तों से संबंधित मामला नोएडा अथॉरिटी का है और प्रशासन का है इसमें पुलिस कुछ नहीं कर सकती I
इस मामले पर एनसीआर खबर ने जब थाना अध्यक्ष से यह पूछा है कि अगर पुलिस कुत्तों के काटने पर पीड़ित के साथ कुछ सहयोग नहीं कर सकती और तो क्या कुत्तों को व्यक्ति द्वारा मारने पर पुलिस का रोल बनता है तो वह चुप हो गए I ये सवाल इसलिए पूछा जाना आवश्यक है क्योंकि अक्सर आवारा कुत्तो के समर्थक सोसाइटी में कुत्तो को हटाने के दौरान किये गए बल प्रयोग के खिलाफ पुलिस में ही रिपोर्ट लिखवाने जाते है और पुलिस केस दर्ज कर लेती है लेकिन कुत्तो द्वारा काटे जाने पर पुलिस इसे अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर बता देती है और पीड़ित ही अपराधी घोषित हो जाता है
नोएडा में कुत्तों के काटने से पीड़ित लोगों का की एक ही शिकायत है कि जब भी वह इन मामलों को लेकर पुलिस के पास जाते हैं या नोएडा अथॉरिटी के पास जाते हैं या प्रशासन के पास जाते हैं तो तीनों दूसरों पर जिम्मेदारी डाल कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं ऐसे में व्यक्ति के पास घर में मायूस होकर बैठने के अलावा और कोई चारा नहीं रहता बबीता ताजा मामले में बबीता कौशिक ने इस खबर को बताया कि वह सिंगल मदर है और कोविड के बाद उनके पास जॉब भी नहीं ऐसे में 80000 से ₹100000 इस सर्जरी में खर्च करना उनके लिए कितना कठिन होगा इस बात को कोई नहीं समझ सकता ।