main newsएनसीआरग्रेटर नॉएडा वेस्ट

ब्रेकिंग न्यूज़ : 300 करोड़ के गलत भुगतान को लेकर ग्रेनो के पूर्व CEO नरेंद्र भूषण पर जांच के आदेश

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ और वर्तमान में पी डब्लू डी प्रमुख सचिव नरेंद्र भूषण के खिलाफ 300 करोड़ के डिजीटीlलाइजेशन के मामले को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं IGRS पर पूर्व सीईओ समेत 3 बड़े अफसरों के खिलाफ एक समाजसेवी द्वारा शिकायत की थी और उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ग्रेटर नोएडा के ही आईएएस अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव को इसकी जांच के आदेश दे दिए गए है । जांच के आदेश के बाद ग्रेटर नोएडा में के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है बताया जा रहा है कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ नरेंद्र भूषण के साथ जनरल मैनेजर प्लानिंग और वरिष्ठ प्रबंधक का नाम भी जांच में शामिल किया गया है

नरेंद्र भूषण अभी लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव के पद पर तैनात हैं मई 2018 में प्रदेश सरकार ने सीनियर आईएएस नरेंद्र भूषण को ग्रेटर नोएडा के सीईओ पद पर तैनात किया था इससे पहले वह केंद्र सरकार में तैनात थे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति की अवधि पूरी कर यहां लौटने पर यूपी सरकार को अपनी जोइनिंग देने के बाद से वेटिंग में चल रहे थे उस समय ग्रेटर नोएडा में सीईओ पद पर तैनात पार्थसारथी सेन शर्मा की तैनाती केंद्र में होने के बाद नरेंद्र भूषण को ग्रेटर नोएडा के सीईओ पद पर तैनात किया गया था

क्या है पूरा मामला ?

ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से मिल रही जानकारी के अनुसार प्राधिकरण के दफ्तर में डिजीटीलाइजेशन के नाम पर 300 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है दरअसल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर में डिजिटल सिस्टम को तैयार करने के लिए एक नामी कंपनी को ठेका दिया गया अनुबंध की शर्तों के अनुसार इसका भुगतान कार्य समाप्ति के बाद होना था लेकिन बताया जा रहा है कि कमीशन की आड़ में अतिरिक्त समय सीमा बढ़ाते हुए निरंतर प्रत्येक महीने भुगतान किया गया है । ऐसे में इसकी शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के पोर्टल पर बादलपुर निवासी राजेंद्र सिंह ने की शिकायत दर्ज करते हुए उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व सीईओ महाप्रबंधक नियोजन और वरिष्ठ प्रबंधक सिस्टम ने नियमों के विपरीत जाकर कार्य किया है अथॉरिटी ने डिजिटल सॉफ्टवेयर तैयार करने के लिए एक नामी कंपनी को काम दिया और अनुबंध की शर्तों के विपरीत भुगतान कर दिया गया है

राजेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए बताया कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अब तक सॉफ्टवेयर को चालू कराने के लिए 300 करोड़ का भुगतान कर चुका है लेकिन उसके बावजूद भी सॉफ्टवेयर पूरी तरीके से तैयार नहीं है उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कार्य में बहुत बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है। इसकी जांच होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री द्वारा जांच का आदेश पारित होते ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की तरफ से इसकी जांच शुरू कर दी गई है एसीईओ अदिति सिंह ने मामले की जिम्मेदारी अधिकारी सौम्य श्रीवास्तव को सौंपी है और 15 दिनों के अंदर तथ्यात्मक रिपोर्ट उपलब्ध कराने का आदेश दिया है

NCRKhabar Mobile Desk

हम आपके भरोसे ही स्वतंत्र ओर निर्भीक ओर दबाबमुक्त पत्रकारिता करते है I इसको जारी रखने के लिए हमे आपका सहयोग ज़रूरी है I अपना सूक्ष्म सहयोग आप हमे 9654531723 पर PayTM/ GogglePay /PhonePe या फिर UPI : ashu.319@oksbi के जरिये दे सकते है

Related Articles

Back to top button