नई दिल्ली। सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर ‘पप्पू’ बनाम ‘फेंकू’ की जंग अब राजनीतिक गलियारे तक पहुंच गई है और इस जंग में केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी भी कूद पड़े हैं। सीआइआइ में भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी के समर्थकों द्वारा राहुल गांधी को ‘पप्पू’ और फिर राहुल समर्थकों द्वारा मोदी को ‘फेंकू’ की संज्ञा दिए जाने पर तिवारी ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स को अपनी सूची में ‘सबसे बड़ा फेंकू’ पुरस्कार शामिल करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सूचना प्रसारण मंत्री तिवारी ने यहां लिम्बा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के सिनेमा आधारित 24वें विशेष संस्करण का लोकार्पण करने के बाद एक संगोष्ठी में यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि आप जानते हैं कि आजकल किस तरह विकास के दावे, सशक्तिकरण के दावे पेश किए जा रहे हैं। मैं वैसे लोगों के लिए ‘फेंकू’ शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता, लेकिन पंजाबी में इससे मिलती-जुलती एक अभिव्यक्ति है ‘शेखी मास्टर।’ उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में आपको ‘सबसे बड़ा फेंकू’ नामक एक अन्य पुरस्कार शामिल नहीं करना पड़ेगा।
बाद में जब मीडियाकर्मियों ने उनके भाषण में इस्तेमाल किए गए शब्द ‘फेंकू’ के बारे में पूछा तो तिवारी ने कहा कि स्वर्णिम शब्द बार-बार नहीं दोहराए जाते। आप सब राजनीतिक विश्लेषक हैं। आप रोज राजनीतिक विश्लेषण करते हैं। हाल की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए और मैंने जो कुछ कहा, अपना अपना निष्कर्ष स्वयं निकाल सकते हैं।