गाजियाबाद जिले में पूर्व विधायक रहे महेंद्र भाटी हत्याकांड में पूर्व सांसद डीपी यादव को नैनीताल हाई कोर्ट ने बरी कर दिया है । हाई कोर्ट ने इससे पहले सीबीआई कोर्ट के दिए इस फैसले में को भी पलट दिया जिसमे डीपी यादव और 3 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी । बुधवार को अदालत ने फैसला देते हुए कहां कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैबिस्लियर बरी किया जाता है
परिजन जाएंगे सुप्रीम कोर्ट
बुधवार आए इस फैसले के खिलाफ विधायक महेंद्र भाटी के परिजन सुप्रीम कोर्ट जाएंगे । विधायक के भतीजे संजय भाटी ने दावा किया कि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे उनके अनुसार इतने बड़े बाहुबली से लड़ना आसान नहीं था परिवार के सदस्य दादरी में रहते है ऐसे में 250 किलोमीटर दूर गवाही के लिए जाना आसान नहीं था
क्या है पूरा प्रकरण
दरअसल अप्रैल 1992 में गौतम बुध नगर के दादरी में रेलवे फाटक पर विधायक महेंद्र भाटी की कार रुकी थी । ट्रेन के जाते ही दूसरी तरफ खड़ी कार से कुछ बदमाशो ने एके 47 से विधायक और उनके एक अन्य साथी पर गोली बारी की जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इस की में सीबीआई ने डीपी यादव, परनीत भाटी, कारण यादव समेत 8 लोगो पर केस बनाया था जिसमे डीपी यादव को आजीवन सजा दी गई थी।
सीबीआई के अनुसार डीपी यादव पर विधायक की हत्या के लिए गाड़ियां उपलब्ध कराने का आरोप था । इस मामले में कोर्ट में लगभग 41 गवाह पेश किए गए थे ।
कभी साथ साथ थे महेंद्र भाटी और डीपी यादव
गाजियाबाद जिले के जानकर बताते है कि कभी डीपी यादव विधायक महेंद्र भाटी के ही साथ थे । महेंद्र भाटी ने उनको बुलंदशहर से चुनाव भी लड़वाया था लेकिन आगे जाकर चुनावी राजनीति में दोनो एक दूसरे के दुश्मन भी हो गए ।