महाराष्ट्र के उप मुख्य़मंत्री अजीत पवार ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है. उनके मुताबिक रात में बिजली गुल होने के कारण लोग ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं.
पानी की मांग को लेकर करीब दो महीने से अनशन पर बैठे एक किसान का मजाक उड़ाते हुए अजीत ने कहा कि बांध में पानी नहीं है तो क्या पेशाब कर दें.
अजित पवार ने कहा, ‘सोलापुर का एक किसान 55 दिनों से अनशन पर है. वह बांधों से अपने खेत के लिए पानी छोड़े जाने की मांग कर रहा है. बांधों में पानी नहीं है. हमें क्या करना चाहिए? क्या हमें बांधों में पेशाब कर देना चाहिए?
यही नहीं उन्होंने बढ़ती आबादी के लिए बिजली गुल होने को जिम्मेदार ठहराया. उनका मानना है कि रात को बिजली ज्यादा कटती है और इसके कारण लोग ज्यादा बच्चे पैदा कर रहे हैं.
महाराष्ट्र जैसे राज्य का डिप्टी सीएम होते हुए इस तरह का बयान देकर वो विवादों में फंस गए हैं.
हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने उनकी ओर से माफी मांगी है.
लोग हैं सूखे से बेहाल
गौरतलब है कि एक किसान करीब दो महीनों से अपने सूखे खेत में सिंचाई के लिए डैम में पानी छोड़ने की मांग को लेकर अनशन पर बैठा हुआ है.
महाराष्ट्र में लोग सूखे से परेशान हैं लेकिन नेताओं पर इसका असर नहीं दिख रहा है. नेता सूखे का भी मज़ाक उड़ा रहे हैं.
हालांकि बयान पर बढ़ते विरोध को देखते हुए अजित पवार ने रविवार शाम को अपने विवादास्पद बयान पर माफी मांग ली.
पवार ने कहा कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो वे इसके लिए माफी मांगते हैं. उनका बयान सूखे से प्रभावित लोगों को लक्ष्य करके नहीं दिया गया था.
बीजेपी ने अजित के बयान पर आपत्ति जताई है. बीजेपी के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इस मामले में शरद पवार को दखल देना चाहिए और ऐसे बयान पर सीएम को स्पष्टीकरण देना चाहिए.
राज्य बीजेपी नेता शाइना एनसी का कहना है कि अगर कोई जानकारी न होने पर बयान दे तो अलग बात है. लेकिन ऐसी मुश्किल घड़ी में जनता के साथ खड़े होने की बजाए ऐसा अश्लील और भद्दा बयान देना गलत है.
शिव सेना नेता उद्दव ठाकरे ने भी अजित पवार के इस बयान की कड़ी आलोचना की है और अजित को कैबिनेट से तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है. अगर शरद पवार में थोड़ी भी शर्म बची है तो उन्हें तुरंत बाहर किया जाना चाहिए.