शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी या महाष्टमी कहते है। आज के दिन मां महागौरी की पूजा होती है। नवरात्रि के समय में आप पहले दिन से लेकर दुर्गा अष्टमी और महानवमी तक प्रत्येक दिन कन्या पूजन कर सकते हैं। 02 से 10 वर्ष तक की कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, इसलिए विशेषकर नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजक पूजन का विधान है।
शारदीय नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा करने का विधान है. इस दिन वे लोग जो सप्तमी का व्रत रखकर हवन करना चाहते हैं. उन्हें महाष्टमी की संधिकाल पर हवन करना चाहिए. धार्मिक मान्यता है कि संधिकाल पर हवन करना अति शुभ लाभदायी होता है
संधिकाल का समय अष्टमी समाप्त होने के अंतिम 24 मिनट और नवमी प्रारंभ होने के शुरुआती 24 मिनट पर होती है. इस प्रकार हवन करने का शुभ मुहूर्त शाम को 7 बजकर 42 मिनट से रात 8 बजकर 7 मिनट तक का है. व्रती को चाहिए कि वे इस समय हवन करें.