कोरोना तेरे कितने रूप : कोरोना के भय से मचा हाहाकार, चाइनीज ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन कांस्टकटर और पॉकेट ऑक्सीजन की छाई बहार

देश में कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली सरकार के आंकड़ों की माने तो टेस्टिंग में हर तीसरा आदमी कोरोना संक्रमित है। लोग अस्पतालों के बार एडमिट होने के लिए लाइन लगाए हुए है । अधिकांश मामलों में डर का ज्यादा असर है मरीज को संक्रमण कम है लेकिन डर ऐसा है कि सब सीधा हॉस्पिटल में एडमिट होना चाहते है ।
सोशल मीडिया पर लोगो की लिखी 2 आपबीती सुनिए । फेसबुक पर एक यूजर अपने रिश्तेदार की कहानी लिखते हुए कहते है कि धागे की 2 फैक्ट्री चलाने वाले एक सज्जन अपने बेटे को एक चैरिटेबल अस्पताल में भर्ती कराने का अफसोस जता रहे है कि पैसा काम नहीं आ रहा।
वहीं नोएडा में लो शुगर के कारण सांस लेने में तकलीफ को भी कोरोना समझने वाला एक परिवार इंट्रीगेटेड टोल फ्री नंबर पर 3 घंटे तक बेड दिलाने की मांग करते रहे।तो अब तक जो दिल्ली दिल वालो की थी आज घबरा रहे लोगो की है।
और इस घबराहट में लोगो के लिए पूरा बाजार मौजूद है । दिल्ली में अस्पताल , बेड ऑक्सीजन की कमी के बाद लोगो ने नया मार्केट खोजा है पल्स ऑक्सीमीटर । पूरे दिल्ली एनसीआर में 500 रुपए में बिकने वाला ऑक्सीमीटर अब 1500 से 3000 तक बिक रहा है और लगभग हर तीसरा आदमी यही बेच रहा है सोशल मीडिया पर बिना लाइसेंस के इसको बेचा जा रहा है।कालाबाजारी पर बड़ी बड़ी बात करने वाले इसको खरीदने में लगे है। चाइनीज ब्रांड के इन प्रोडक्ट की कोई गारंटी नहीं है कि ये आपको आपके बारे में सही जानकारी देंगे या नहीं लेकिन हर घंटे में नापने वालो के लिए ये और घबराहट पैदा कर रहा है।
नोएडा में रहने वाले डा अनिरुद्ध कहते है कि समस्या ये है कि बाजार ने ऐसा घबराहट का माहोल पैदा कर दिया है की आपातकालीन स्थिति में प्रयोग होने वाले उपकरण लोग अब अधिकता में प्रयोग कर रहे है। समस्या प्रयोग करने से ज्यादा एक्सपर्ट की राय के बिना लगातार प्रयोग करने से है। ऐसे प्रयोगों से लोगो में घबराहट बढ़ रही है। पल्स रेट 95 होने पर ही घबराहट में लोगो का बीपी लो होने लगता है और लोग डॉक्टर और अस्पताल खोजने लगते है ।
जबकि गंभीर स्थिति के अलावा आप इसको घर में ही योग के जरिए संतुलित रख सकते है
वहीं शहर के नामी अस्पताल से जुड़े एक डॉक्टर शोभित कहते है कि असल में इस समय लोगो को सतर्क रहने की जरूरत तो है लेकिन खांसी जुकाम बुखार का हर सिमटम कोरोना ही होगा ऐसा सोचने से बचने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि हर मरीज को एडमिट होने या करवाने की भी जरूरत नही है और नाही उनके लिए घरों में ऑक्सीमीटर या ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोर करने की जरूरत है।
मेडिकल उपकरण बेचने वाली कंपनी में कार्यरत श्याम का कहना है कि बीते 15 दिनों में कोरोना के कारण चीन से ऐसे उपकरणों का आयात बढ़ गया है बाजार जरूरत के हिसाब से नए प्रयोग कर रहा है । ऑक्सीजन की मारामारी के बाद बाजार में ऑक्सीजन कांस्टकटर और पॉकेट ऑक्सीजन भी बाजार में उतर रही है।
ऐसे में लोगो के लिए इस महामारी के समय हर चीज को स्टोर करने की आदत से बहार आकर जरूरत पड़ने पर ही इनको खरीदने की ज़रूरत है । कुछ महीनों बाद आपके लिए इनकी जरूरत नहीं रहेगी ये सिर्फ आपके घबराहट के दौर में बाजार को भुनाने की कोशिश मात्र है