नई दिल्ली।। भारत दौरे पर आए अमेरिकी प्रतिनिधमंडल में शामिल लोगों से ट्रिप के लिए पैसे लिए जाने के दावे पर बीजेपी हमलावर हो गई है। बीजेपी का कहना है कि अगर अमेरिकी सांसद और कारोबारी भुगतान करके आए भी थे तो इससे गुजरात सरकार या पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है।
गौरतलब है कि चार रिपब्लिकन सांसदों और अमेरिकी कारोबारियों का प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर आया हुआ है। इस प्रतिनिधमंडल ने मोदी से मुलाकात की थी और उन्हें अमेरिका आने का न्योता दिया था। शिकागो के जर्नल ‘हाई इंडिया’ में छपी खबर के मुताबिक, आयोजकों ने इस यात्रा के लिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से 3000 से 16000 डॉलर (करीब डेढ़ लाख से 8 लाख रुपए) तक प्रति व्यक्ति लिए।
बीजेपी ओवरसीज सेल के संयोजक और मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात कराने वाले नेता विजय जौली ने कहा, ‘अमेरिकी सांसद वहां संसद की एथिक्स कमिटी और सरकार की मंजूरी के बाद ही गुजरात व भारत के दौरे पर आए हैं। एथिक्स कमिटी पूरी जांच करती है कि किसी भी देश में क्यों जा रहे हैं, कौन खर्च उठा रहा है, कहीं देश के हितों के विरुद्ध तो कुछ नहीं होने जा रहा है। इस तरह की छानबीन के बाद ही चारों सांसदों को अमेरिकी कानून के तहत भारत आने की मंजूरी मिली है। उनके दौरे पर भारत सरकार, गुजरात सरकार या बीजेपी ने कोई खर्च नहीं किया है। गुजरात सरकार ने सिर्फ उनका सम्मान अतिथियों जैसे किया और डिनर दिया।’
विजय जौली ने यह भी कहा कि अमेरिका में कुछ भी मुफ्त का नहीं है। उनके मुताबिक, ‘वहां तो प्रेजिडेंट बराक ओबामा के डिनर में शामिल होने के लिए लोगों को प्रति प्लेट 60-70 हजार डॉलर का पेमेंट करना पड़ता है। उनके सामने चुनाव लड़े मिट रोमनी के डिनर में तो कई लोगों द्वारा सवा लाख डॉलर तक का पेमेंट करने की चर्चाएं वहां रही थीं। इसलिए यदि वहां के कारोबारी अपने खर्चे पर भारत आए हैं, तो इसमें गलत क्या है? भारत के कारोबारी भी तो अपने खर्च पर बाहर जाते हैं।’
विजय जौली का आरोप है कि असल में कांग्रेस को अमेरिकी सांसदों द्वारा गुजरात के विकास की प्रशंसा और नरेंद्र मोदी को अमेरिका आने की दावत देने की बात हजम नहीं हुई है। इसलिए शिकागो के एक अखबार की खबर को तूल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘मोदी ने या भारत में किसी ने पेमेंट नहीं किया है। अमेरिका से आए प्रतिनिधिमंडल ने गुजरात में नैनो, फोर्ड फैक्ट्री और अन्य कई जगह का दौरा किया है। भारत और गुजरात में निवेश की संभावना तलाशने आए प्रतिनिधिमंडल ने दौरे में पड़ताल की है कि कहां क्या कुछ है।’ उन्होंने कहा कि गुजरात में 24 घंटे बिजली, बढ़िया बुनियादी ढांचे, फास्ट गवर्नमेंट क्लियरेंस की वजह से कारोबारी वर्ग प्रदेश की तरफ आकर्षित है।