कराची। पाकिस्तान के पूर्व सैनिक शासक जनरल परवेज मुशर्रफ ने वतन वापसी के बाद से ही भारत विरोधी बयान देने शुरू कर दिए हैं। वतन वापसी के ठीक पहले उन्होंने भारत के खिलाफ पाक में आतंकवाद को बढ़ावा देने और इसके लिए धन मुहैया कराने का बयान दिया था। वहीं अब उन्होंने कहा है कि कारगिल युद्ध पर उन्हें गर्व है। उन्होंने भारत के खिलाफ इसे फौज का एक सफल अभियान बताया है।
कराची में हुई एक प्रेस वार्ता में जनरल मुशर्रफ ने कहा कि कारगिल युद्ध में पाक ने भारत को गर्दन से पकड़ लिया था। गौरतलब है कि मुशर्रफ इससे पहले कारगिल पर अपनी भूमिका को लेकर उठने वाले सवालों से बचते रहे हैं और इस युद्ध के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं।
पाकिस्तान में ग्यारह मई को आम चुनाव होने हैं। मुशर्रफ ने इन चुनावों में अपनी पार्टी को उतारने और खुद भी चुनाव लड़ने की मंशा साफ कर दी है। वह खुद कराची से ही चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई है कि इन चुनावों में उनकी पार्टी कई सीटों पर विजयी रहकर इतिहास कायम करेगी।
पांच साल तक निर्वासित जीवन जीने वाले मुशर्रफ को वतन वापसी से पहले ही वहां की कोर्ट ने उनकी वापसी पर गिरफ्तार न करने के आदेश दे रखे हैं। इस पत्रकार वार्ता में उन्होंने 11 सितंबर के हमले, अमरीका के साथ रिश्ते समेत कई मुद्दों पर लंबी बातचीत की। हालांकि वह पाकिस्तान में कब तक रहेंगे यह अभी साफ नहीं हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजों के बाद यह साफ होगा कि वह पाक में रहेंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि 9/11 हमलों के बाद चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में अमरीका का साथ देना देश के हित में था। उन्होंने पाकिस्तान सरकार पर कई आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि उनके शासन में किसी भी जज को नजरबंद नहीं किया गया था। जबकि इस सरकार ने पाकिस्तान के पूर्व न्यायाधीश इफ्तिखार मोहम्मद चौधरी को बर्खास्त तक कर दिया। उन्होंने इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद पर सैन्य कार्रवाई को सही बताते हुए कहा कि वहां चरमपंथी मस्जिद पर कब्जा करके महिलाओं और बच्चों को बंधक बनाए हुए थे। लिहाजा यह कार्रवाही जरूरी थी।
उन्होंने इससे पहले भारत के निजी चैनल से बात करते हुए कहा था भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और आतंकियों के लिए धन मुहैया करवा रहा है। उन्होंने इस बातचीत में भारत के खिलाफ कई तीखे बयान दिए थे।