हैदराबाद में गुरुवार को हुए धमाकों में मृतकों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है, जबकि 119 घायल हैं। मरने वालों में चार छात्र भी शामिल हैं। गृहमंत्री ने आज हैदराबाद धमाकों पर संसद के दोनों सदनों में बयान देने की घोषणा भी की है। संभावना है कि गृहमंत्री दो बजे संसद में बयान दे सकते हैं। वहीं, गृहमंत्री के इस बयान पर विवाद शुरु हो गया है कि उनको धमाकों की खुफिया जानकारी थी।
सवाल उठ रहे हैं कि गृह मंत्रालय को देश में आतंकी वारदात होने की जानकारी थी तो सुरक्षा को चाक-चौबंद क्यों नहीं किया गया? सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर क्यों नहीं डाला गया? क्या यह बम धमाके सुरक्षा व्यवस्था की चूक का नतीजा है? क्या एक बार फिर सारी सुरक्षा व्यवस्था लचर साबित हुई?
गृहमंत्री की काबिलियत पर ही सवाल
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की काबिलियत पर ही सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता सिंघवी ने कहा है कि जब गृह मंत्री का प्रमोशन उनकी कार्यक्षमता के बजाए वफादारी पर हुआ है तो ऐसे में उनसे क्या अपेक्षा की जा सकती है?
गौरतलब है कि शिंदे ने गुरुवार को कहा था कि हैदराबाद आतंकियों के निशाने पर है इस बात का पता दो दिन पहले से ही था और हमने इस बारे में राज्य सरकार को सूचित भी किया था।
जबकि इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी ने कहा है कि उन्हें रूटीन अलर्ट ही भेजा गया था किसी गंभीर हमले की सूचना नहीं दी गई थी।
बताया जा रहा है कि खुफिया एजेंसियों को हैदराबाद में आतंकी वारदात की आशंका पहले से थी। एजेंसियां हैदराबाद पर कई महीनों से नजर गड़ाए बैठी थी।
पिछले कुछ महीनों से पुराने हैदाराबाद के ऐतिहासिक चारमीनार के पास स्थित भाग्यलक्ष्मी मंदिर के चलते कई बार भड़के सांप्रदायिक तनाव के कारण हालात काफी संवेदनशील थे।