कोरोना से लड़ाई में बीते 50 दिनों में अनगिनत नायक दिल्ली एनसीआर में उभर कर आए। ऐसे ही नायकों की अनकही कहानियां हम एनसीआर खबर पर ला रहे है । कुछ नायक हमने चुने है कुछ की जानकारी आप देंगे ताकि हम सभी नायकों को आप तक पहुंचा सके I आज की कड़ी में हम आपको बता रहे हैं निराला एस्टेट में जनसरोकार पर आवाज़ उठाने वाले संतोष सिंह के बारे में
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गरीब मजदूरों के लिए माँ सीता रसोई बिसरख मंडल अध्यक्ष रवि भदौरिया वे नेतृत्व में शुरू हो गई तो क्षेत्र में निराला स्टेट रहने वाले संतोष सिंह ने तुरंत रवि भदौरिया से सम्पर्क कर अपनी टीम सहित सहयोग देना शुरू कर दिया। वो सोसायटी के अपने साथियों के साथ मिलकर आस पास के क्षेत्र में मास्क, सेनेटाइजर एवं सूखे राशन द्वारा जरूरत मंदों की भी लगातार मदद करने लगे लेकिन किसी भी प्रकार के सोशल मीडिया या किसी और पब्लिसिटी के बिना लगातार अपने सेवा कार्यों में व्यस्त रहे बहुत ही कम लोग जानते हैं कि निराला स्टेट के सामने आर्था सेज तक रोड के दोनों और सर्विस रोड को बनवाने में संतोष सबसे आगे खड़े रहे और लॉक डाउन में कार्य बाधित रहने के बाद सारा कार्य पूर्ण करवा कर उसका श्रेय भी उन्होंने नहीं लिया।
संतोष कुमार सिंह मूलत: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला से आते हैंI इनका परिवार नोएडा और वाराणसी में रहते है पारिवारिक बिज़नेस होने की वजह से कुछ समय के लिए परिवार संथाल परगना झारखंड में रहा वहीं पर इनका जन्म हुआ था उसके बाद प्राथमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में हुई इन्होंने इंजीनियरिंग इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया और पीचडी दिल्ली से की।
परिवार के लोग 80 के दशक से ही संघ की विचारधारा से जुड़े हुए थे इनका भी लगाव संघ से 7 वर्ष की उम्र मे हुआ और तब से शाखा में भाग लेना शुरू किया और अभी ये संघ के विभिन्न अध्याय से जुड़े हुए हैं मुख्यत: सेव बंगाल एवं बौद्धिक वर्ग से जुड़े हैं नोएडा में रहते हुए भाजपा समर्थक हैं I
नोएडा में आने से पहले ये माइक्रोसॉफ़्ट बैंगलौर, हेवलेट पैकर्ड हैदराबाद एवं सैमसंग बैंगलौर/नोएडा में रिसर्च एवं डेवलपमेंट प्रमुख पद पर कार्यरत रहे| प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया कार्यक्रम से प्रभावित होकर इन्होंने सैमसंग से त्यागपत्र देकर स्वदेशी कंपनी लावा मोबाइल में रिसर्च एंड डेवलपमेंट हेड के पद पर ज्वाइन किया।वर्तमान में एक स्वदेशी कंपनी में वाइस प्रेसिडेंट टेक्नोलॉजी के पद पर कार्यरत हैं
कोरोना के संकट के बीच भी लगातार कोरोना योद्धा के रूप में डटे रहे। एनसीआर खबर उन्हें कोविड के नायक सम्मान से सुशोभित कर गर्व महसूस कर रहा है