केंद्र की यूपीए की सरकार अब मुलायम के भरोसे टिकी है.इस पर वह बड़ा फैसला ले सकते हैं.
सूत्रों के अनुसार सुबह 9:30 बजे समाजवादी पार्टी की संसदीय दल की बैठक है, जिसमें केंद्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के बयान को लेकर फैसला होना है.इस बैठक में सपा के सभी नेता शामिल होंगे.
डीएमके के सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद यूपीए सरकार की सारी उम्मीदें अब मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी पर टिकी हैं.
मुलायम क्या फैसला करेंगे इसी पर केंद्र सरकार के भविष्य का फैसला होना है.
बेनी के मुलायम पर आरोप
मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी के तेवर केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा की वजह से बिगड़े हुए हैं. बेनी ने यूपी के गोंडा में 16 मार्च को कहा था कि मुलायम केंद्र सरकार को समर्थन देने के लिए कमीशन लेते हैं.साथ ही बेनी ने मुलायम को आतंकियों का सरंक्षक भी बताया था.
इसके बाद दोनों के बीच लोकसभा में तीखी बहस भी हुई. डीएमके के समर्थन वापस लेने के बाद मुश्किल में फंसी सरकार ने बेनी प्रसाद वर्मा और मुलायम की तकरार को दूर करने के लिए बुधवार को बेनी से इस मसले पर खेद जाहिर करवा दिया था.लेकिन मुलायम इससे खुश नजर नहीं आ रहे हैं.
बेनी के बयान को लेकर सरकार कितनी संकट में है इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुलायम से मिलकर उन्हें मनाने की कोशिश की.
सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मुलायम सिंह यादव से कहा कि बेनी का बयान उनका निजी बयान है, उससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है और आप इस मामले को अब खत्म कर दें. लेकिन मुलायम ने साफ-साफ कोई भरोसा नहीं दिया.
मुलायम ने कांग्रेस पर दागे सवाल
खुद मुलायम भी कमीशन लेने के आरोप से तिलमिलाए हुए हैं. मुलायम ने उल्टे सवाल किया है कि कांग्रेस बताए वो समर्थन के लिए उन्हें कितना कमीशन देती है.
यूपीए सरकार को मुलायम के इस सवाल का जवाब देना भारी पड़ रहा है क्योंकि डीएमके के समर्थन वापस लेने के बाद समाजवादी पार्टी को साथ रखना उसकी मजबूरी है.
अब देखना होगा की यूपीए-2 के साथ मुलायम का साथ रहता है या नहीं.