प्रेस रिलीज I अभिभावक संघ ने पिछले साल फरवरी से सरकारी स्कूलों की बेतहाशा फीस वृद्धि के कारण गौतम बुद्ध नगर के सभी जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से मिलने व शांतिपूर्ण ढंग से धरना प्रदर्शन करने के बाद नोयडा-ग्रेटर नोएडा ड्रीम स्कूलों (महामाया बालिका इंटर कालेज, सावित्री बाई फुले इंटर कालेज, गौतम बुद्ध इंटर कालेज, पंचशील बालक इंटर कालेज) की बेतहाशा फीस बृद्धि के सम्बंध में गौतम बुद्ध नगर के सांसद एवं केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा से मुलाकात की।
अभिभावक संघ ने कहा कि इन स्कूलों ने 300% फीस बढ़ा दी है हम लोग 300% बड़ी हुई फीस को भरने में असमर्थ हैं।अभिभावकों ने डॉ शर्मा से कहा कि स्कूलों को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कूल प्रशासन के पास यदि पैसा नहीं है,तो क्या इसकी जिम्मेदारी अभिभावकों की है ?इस की जिम्मेदारी सरकार की होनी चाहिए ।आज तक की सरकारों ने तो कभी इतनी फीस बढ़ोत्तरी नहीं की ।
आज भारतीय जनता पार्टी की सरकार को क्या हो गया है, कि इन स्कूलों में अन्य प्राइवेट स्कूलों के बराबर फीस कर दी गई है।वैसे इनको सरकारी कहा जाता है।और एक तरफ से माननीय दिनेश शर्मा जी ,उप मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री ,उoप्रo सरकार, ने अगस्त 2018 में अभिभावकों के द्वारा दिये गए ज्ञापन में अपनी हैंड राइटिंग में कुलपति *गौतम* बुद्ध यूनिवर्सिटी को लिखा है, कि फीस को जल्द से जल्द फार्मूले में समायोजित कर बड़ी हुई फीस वापस की जाय।उसके बाद अभिभावक संघ ने कुलपति,जिला अधिकारी व माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भी इस बात से अवगत कराया।
फिर भी आज तक कोई निर्णय अभिभावकों के हित में नहीं आया।जबकि लेटैस्ट फीस अध्यादेश में 5% से* ज्यादा फीस या अन्य ख़र्चे बढ़ाने की अनुमति नहीं है ।अब तो स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि यदि फरवरी माह तक बड़ी हुई फीस, 20 रुपये प्रति दिन के हिसाब से दंड शुल्क जमा नहीं किया जाता है तो हम बच्चों को परीक्षा देने से वंचित कर देंगे।
इन सब बातों को सुनकर डॉ महेश शर्मा ने कहा कि आप लोगों के द्वारा दिये गए ज्ञापन को मुख्यमंत्री को भेजूंगा और शिक्षा मंत्री जी से भी पर्सनल फोन करूँगा।क्योंकि ये मामला प्रदेश सरकार का है,केंद्र सरकार का नहीं।आप को बता दें कि अभिभावक संघ पिछले साल फरवरी माह से इस बेतहाशा फीस वृद्धि से जूझ रहा है।डॉ महेश शर्मा से मिलने से पहले अभिभावक संघ अन्य अभिभावकों के साथ सांसद प्रतिनिधि से भी मिले और समस्या से अवगत कराया।उन्होंने बताया कि इस मामले के बारे में हम ने सिटी मजिस्ट्रेट को भी कहा है।जो भी निर्णय होगा वह अभिभावकों के हित में होगा।