ब्रिटेन में एक व्यक्ति साल में खाता है 8 किलो चॉकलेट, इस तरह पर्यावरण पर पड़ रहा उल्टा असर

लंदन (प्रेट्र)। बच्चे हों या बुजुर्ग सभी को चॉकलेट बहुत पसंद है, लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे पर्यावरण पर चॉकलेट का बहुत बुरा असर पड़ता है। ब्रिटेन स्थित मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का कहना है कि अकेले ब्रिटेन में चॉकलेट बनाने वाले उद्योगों से हर साल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली करीब 21 लाख टन ग्रीन हाउस गैसें निकलती हैं।
शोधकर्ताओं ने अपने इस शोध के लिए चॉकलेट उत्पादन में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के प्रभाव, उत्पादन प्रक्रिया, पैकेजिंग और बचे हुए अवशेषों का विश्लेषण किया। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक चॉकलेट बार बनाने में करीब एक हजार लीटर पानी खप जाता है। इसके साथ ही कच्ची सामग्री और पैकेजिंग से भी पर्यावरण को नुकसान होता है।
ब्रिटेन में प्रत्येक व्यक्ति एक साल में औसतन आठ किलोग्राम चॉकलेट खा जाता है। शोधकर्ता अदिसा का कहना है, चॉकलेट में इस्तेमाल होने वाले मिल्क पाउडर को बनाने में भी काफी ऊर्जा का इस्तेमाल होता है। इन सब का मिश्रित प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। इसलिए हमें ऐसा कोई तरीका ढूंढ़ना चाहिए, जिससे पर्यावरण को कम हानि पहुंचाकर चॉकलेट का उत्पादन हो सके।