टाटा की उम्मीदों पर फिरा पानी ताज मानसिंह होटल
नई दिल्ली: मानसिंह रोड नई दिल्ली में बने ताज मानसिंह होटल की ई-नीलामी को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है। कोर्ट ने टाटा ग्रुप की नीलामी रोकने की याचिका खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। मौजूदा समय में यह होटल इंडियन होटल्स कंपनी लिमिटेड (आई.एच.सी.एल.) द्वारा चलाया जा रहा है।
जस्टिस पीसी घोस और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ ने NDMC की उस याचिका को मंजूरी दे दी है, जिसमें कहा गया है कि टाटा ग्रुप की कंपनी को नीलामी से इनकार करने का अधिकार नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने NDMC को कहा है कि अगर नीलामी में टाटा ग्रुप को सफलता नहीं मिलती है तो होटल खाली करने के लिए उसे छह महीने का वक्त दिया जाए।
लुटियंस जोन में 1, मान सिंह रोड पर स्थित बना होटल ताज मान सिंह, NDMC की प्रॉपर्टी है। NDMC ने यह जगह 33 साल के लिए IHCL को लीज पर दी थी। जिसकी वैधता 2011 तक थी। जिसके बाद यह 9 बार बढ़ाई जा चुकी है। जनवरी 2016 में जब NDMC ने नीलामी का प्रॉसेस शुरू किया तो कंपनी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया।
टाटा ग्रुप की दलील थी कि उनकी कंपनी ताज ग्रुप ने ताज मानसिंह को एक ब्रांड बनाने के लिए सालों से लगातार निवेश किया है। लिहाजा इसकी नीलामी NDMC नहीं कर सकता है। ताज ग्रुप के वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में कहा था कि NDMC ने होटल पर महज़ 6 करोड़ निवेश किया था, जबकि ताज ग्रुप ने होटल पर 129 करोड़ खर्च किए और 400 करोड़ रुपये लाइसेंस के तौर पर दिए। ऐसे में NDMC के साथ हुए समझौते के मुताबिक ताज की लीज रिन्यू होनी चाहिए। ताज के मुताबिक वह सिर्फ एक लीज होल्डर नहीं, बल्कि ताज ग्रुप ने NDMC के साथ मिलकर ताज मानसिंह होटल को एक ब्रांड बनाया। इसलिए ताज को कैसे ई-ऑक्शन में भाग लेने के लिए कहा जा सकता है।