सभी कार्डिनल मंगलवार को अपना वोट डालेंगे। इस बार किसी को भी पहले से इस पद के लिए प्रबल दावेदार नहीं माना जा रहा है।
मंगलवार की सुबह दुनिया भर से आए 115 कार्डिनल एक ख़ास धार्मिक सभा में शामिल होंगे और उसके बाद दोपहर में वे सभी वैटिकन सिटी के सिस्टिन चैपल में दाख़िल हो जाएंगे।
ये कार्डिनल दिन में रोज़ाना चार बार वोट डालेंगे जब तक कि किसी एक उम्मीदवार पर दो-तिहाई मतदाता सहमत नहीं हो जाते।
जानकारों का कहना है कि यौन उत्पीड़न स्कैंडल से लेकर वैटिकन बैंक में घोटाले के आरोपों की ख़बर के बाद 85 साल के बेनेडिक्ट 16वें के लिए चर्च का नेतृत्व करना मुश्किल हो रहा था जिसके कारण उन्होंने फरवरी में अचानक अपने इस्तीफ़े की घोषणा कर दी थी और 28 फ़रवरी को उन्होंने अपना पद छोड़ दिया था।
अब नए पोप को उन चुनौतियों का सामना करना होगा।
जीएमटी समयानुसार मंगलवार की सुबह नौ बजे सेंट पीटर्स बैसीलिका में सभी कार्डिनल एक ख़ास सभा में शामिल होंगे। दोपहर में सभी 115 कार्डिनल सिस्टिन चैपल के अंदर दाख़िल होंगे जहां वो गुप्त मतदान में हिस्सा लेंगे।
सिस्टिन चैपल का दरवाजा बंद
जैसे ही सभी कार्डिनल गोपनीयता की शपथ लेंगे उसके बाद सिस्टिन चैपल का दरवाज़ा बंद कर दिया जाएगा। कार्डिनलों के साथ उनके 90 सहायक स्टाफ़ भी होंगे जिन्हें सोमवार को गोपनीयता की शपथ दिला दी गई थी।
नए पोप के चुने जाने से पहले 10 आम सभाएं हो चुकी है जिसमें 160 कार्डिनलों ने कैथोलिक ईसाई धर्म और उसके एक अरब 20 करोड़ मानने वालों की समस्या पर अपने विचार रखे थे लेकिन अभी तक कोई ऐसा व्यक्ति सामने नहीं आया है जिसे नए पोप के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
फ़्रांस के कार्डिनल फ़िलिप बार्बेरिन ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बातचीत के दौरान कहा, ”पिछली बार नए पोप के चुनाव के समय एक उम्मीदवार विशेष की क्षमता और योग्यता दूसरे उम्मीदवारों की तुलना में बहुत अधिक मानी जा रही थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। हमें पहले चरण के मतदान का इंतज़ार करना होगा।”
लेकिन फिर भी नए पोप के लिए जिनको उम्मीदवार माना जा रहा है उनमें मिलान के कार्डिनल एंजेलो स्कोला, ब्राज़ील के ओडिलो शेरर और अमरीका के कार्डिनल टिमोथी डोलन शामिल हैं।
पहले चरण के मतदान के बाद सभी मतपत्रों को जला दिया जाएगा जिसके बाद चिमनी से निकलने वाला धुंआ काला होगा जिसका अर्थ होगा कि नए पोप का चुनाव नहीं हो सका है।
बुधवार को सुबह और दोपहर में दो बार मतदान होंगे और हर बार मतदान के बाद मतपत्र जला दिए जाएंगे।
ये मतदान उस समय तक होते रहेंगे जब तक किसी एक उम्मीदवार को दो तिहाई यानी 77 वोट नहीं मिल जाते।
उसके बाद चिमनी से सफ़ेद धुंआ निकलेगा जिससे पता चलेगा कि 266वें पोप का चुनाव हो गया है।