नोटबंदी के चलते इकॉनमिक ग्रोथ प्रभावित होने के कयास गलत साबित हुए हैं। नवंबर महीने में देश के औद्योगिक उत्पादन में 5.7 पर्सेंट का इजाफा हुआ है, जबकि अक्टूबर में यह ग्रोथ -1.9 पर्सेंट थी। गुरुवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक यह इजाफा खासतौर पर कैपिटल गुड्स प्रॉडक्शन में बढ़ोतरी के चलते हुआ है। यही नहीं महंगाई के मोर्चे पर भी सरकार को बड़ी राहत मिली है और दिसंबर महीने में 3.63 प्रतिशत से घटकर 3.41 पर्सेंट हो गई।
बीते दो सालों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का यह निचला स्तर है। इसकी सबसे बड़ी वजह खाद्य पदार्थों की कीमत में कमी है। इससे पहले इकॉनमिस्ट का दावा था कि नवंबल में 3.63 पर्सेंट की खुदरा महंगाई दर के मुकाबले नवंबर में यह आंकड़ा 3.57 पर्सेंट हो जाएगा। इस लिहाज से यह अनुमान से अधिक गिरावट है।
यही नहीं मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ में भी खासा उछाल देखने को मिला है और यह माइनस 2.4 से पढ़कर 5.5 पर्सेंट हो गई है। बेसिक गुड्स ग्रोथ भी 4.1 से बढ़कर 4.7 पर्सेंट हो गई है। दालों की महंगाई दर 0.23 पर्सेंट घटी है। कन्जयूमर ड्यूरेबल ग्रोथ 0.2 पर्सेंट बढ़कर 9.8 पर्सेंट हो गई है। कपड़े जूते की महंगाई 4.98 पर्सेंट से घटकर 4.88 पर्सेंट हुई है। हालांकि फ्यूल महंगाई दर 2.80 से बढ़कर 3.77 पर्सेंट के आंकड़े पर पहुंच गई है।