लाल किला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 70 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करने एवं अन्य समारोहों के मद्देनजर समूची दिल्ली में आज (रविवार, 14 अगस्त) सुरक्षा को लेकर चौकस निगरानी बरती जा रही जबकि एहतियाती प्रावधानों के तहत हिंसा प्रभावित कश्मीर घाटी में आज (रविवार, 14 अगस्त) सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए। राष्ट्रीय राजधानी में 17वीं शताब्दी के ऐतिहासिक लाल किला एवं इसके इर्द-गिर्द सुरक्षा चाक-चौबंद सुनिश्चित करने के लिए हजारों सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है। इस आयोजन में वरिष्ठ मंत्रियों, शीर्ष नौकरशाहों, विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के साथ ही प्रधानमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में आम लोग उपस्थित रहेंगे।
राजपथ के आसपास भी बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है, जहां सात दिन तक चलने वाला सांस्कृतिक महोत्सव ‘भारत पर्व’ चल रहा है। स्वतंत्रता दिवस के इस मौके पर सूर्यास्त के बाद नॉर्थ ब्लॉक एवं साउथ ब्लॉक सहित सभी सरकारी भवनों में रोशनी जगमगा रही है। स्वतंत्रता दिवस समारोहों के पहले कर्फ्यूग्रस्त श्रीनगर में सुरक्षा के पुख्ता प्रावधान किये गए हैं। पूरे शहर में अर्द्धसैन्य और पुलिस कर्मियों की बड़ी टुकड़ियां तैनात की गयी है। जम्मू कश्मीर में स्वतंत्रता दिवस के मुख्य आयोजन स्थल बख्शी स्टेडियम को आभासी किले में तब्दील कर दिया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘बख्शी स्टेडियम को जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दिया गया है और कल (सोमवार, 15 अगस्त) शांति पूर्ण आयोजन सुनिश्चित करने के लिए मार्ग में सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है।’अधिकारी ने कहा कि समारोहों को बाधित करने के लिए किसी भी आतंकी हमले की कोई खुफिया सूचना नहीं है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘हमेशा जो सुरक्षा अभियान किया जाता है वह किया गया है लेकिन श्रीनगर या घाटी में अन्य जगह भीड़ की कोई हिंसा नहीं हो यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है।’
हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद नौ जुलाई से शुरू हुयी अशांति के कारण मोबाइल टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं घाटी में बाधित हैं। पूर्व में ऐहतियाती तौर पर स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समाराहों के दौरान कुछ घंटे के लिए मोबाइल फोन और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी जाती थी जिससे कि आतंकी इन उपकरणों का इस्तेमाल विस्फोटकों को उड़ाने के लिए ना कर सके। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू के बावजूद अलगाववादी तत्वों ने कश्मीर के कई इलाकों में पड़ोसी देश का स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए पाकिस्तानी ध्वज फहराए। सुरक्षा बलों का ध्यान इस ओर जैसे ही आया वैसे ही इन ध्वजों को उतार दिया गया।
नौ जुलाई के बाद झड़पों में दो पुलिसकर्मियों सहित 56 लोग मारे गए हैं और कई हजार लोग घायल हो गए। स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश में खासकर जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस के आयोजन पर करीब से नजर रखने के लिए सेना और एनएसजी अधिकारी एक विशेष संचार और कमान सेंटर चलाएंगे। पूर्वोत्तर, पंजाब खासकर सीमाई जिलों, हरियाणा और देश के अन्य भागों में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई। मुख्य आयोजन स्थलों पर बम निष्क्रिय दस्ते की तैनाती की गई है।