देश में नक्सलवाद अलगाववाद की जड़ें इन्ही कम्युनिस्ट पार्टीओं में हैं – अवनीश वाजपेयी

ये नक्सली नक्सली क्या होता है बारह पंद्रह साल का कोई लड़का न्यूज़ देखेगा तो क्या समझेगा कौन है ये लोग किस विचारधारा के क्या चाहते हैं
नक्सलियों ने ह्त्या की ? ये क्यों नही कहते वामपंथी पार्टी ने हत्या की
पूरा नाम लिखने बोलने में शर्म आती है ?
अभी नक्सलियों के सबसे बड़े धड़े का नाम है CPI Maoist भारतीय माओवादी “कम्युनिस्ट” पार्टी
नक्सलबाड़ी असल में बंगाल के वीरभूमि जिले में एक स्थान का नाम है जंहा पर इस हिंसात्म आंदोलन की शुरूवात हुई थी
और इसकी सुरुवात करने वालों में तब के CPM (वही येचुरी और प्रकाश करात वाली) के जिला कमेटी मेंबर चारु मजूमदार और कानू सान्याल थे जिन्होंने बाद में 1968 में AICCCR (आल इंडिया कोआर्डिनेशन कमेटी ऑफ़ रेवोल्युसनरी ) नाम से अलग ग्रुप बना ली
ऐसा ही हाल आंध्र प्रदेश का भी था 15 जून 1968 को आधी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPM)टीएन नेगी के नेतृत्व में पार्टी से अलग हो गई बाद में इसी गुट से आगे चल कर पीपल्स वार ग्रुप (PWG) का गठन हुआ ।जिसने कई साल तक आंध्र में खुनी खेल किया
बाद में इन्ही दोनों धड़ो में मिल कर माओवादी कम्युनिष्ट पार्टी के नाम से नया ग्रुप बनाया ।
देश में नक्सलवाद अलगाववाद की जड़ें इन्ही कम्युनिस्ट पार्टीओं में हैं

अवनीश वाजपेयी