जम्मू से श्रीनगर जा रहे ट्रक पर उधमपुर में हुए पेट्रोल बम हमले में घायल दो व्यक्ति में से एक की नौ दिन तक चले उपचार के बाद रविवार को मौत हो गई। इससे घाटी के कुछ इलाकों में विरोध-प्रदर्शन भड़क उठा। पुलिस ने इस मामले के पांच आरोपियों पर जन सुरक्षा कानून (जसुका) लगा दिया है। वहीं इस मौत के बाद घाटी में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है। हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों और जेकेएलएफ ने सोवार को हड़ताल की अपील की है। राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने ट्रक के खलासी की मौत पर गहरा शोक जताया है। इस हमले में जान गंवाने वाले जाहिद के परिजनों को भेजे शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरे पास इस भीषण कृत्य की भर्त्सना करने के लिए कोई शब्द नहीं है जिससे एक गरीब और निर्दोष युवक की कोई गलती नहीं होने पर भी जान गई।’ सईद ने कहा, ‘घृणा और असहिष्णुता की राजनीति में एक और बेशकीमती जान चली गई। इससे देश और राज्य की बहुलता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न हुआ है।’ वहीं कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि जाहिद अहमद की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री ने दादरी के लिए अखिलेश यादव और उप्र सरकार पर जिम्मा डाल दिया। जाहिद की मौत के लिए अब वह किसे दोष देंगे।’ उमर ने कहा, ‘गोमांस प्रतिबंध के नाम पर एक और अनावश्यक मौत जिसके लिए भाजपा और उसकी सहयोगी सीधे तौर पर जिम्मेदार।’
जाहिद उस ट्रक पर सवार था जिसे नौ अक्तूबर को एक भीड़ ने निशाना बनाया और उस पर पेट्रोल बम लगा दिया। जाहिद की रविवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। उसे 74 फीसद जली अवस्था में इस अस्पताल में लाया गया था। ट्रक के चालक शौकत अहमद का दिल्ली के एम्स में उपचार चल रहा है। यह ट्रक जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। उसे जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रुकना पड़ा था क्योंकि जिले में तीन कंकाल मिलने के बाद विभिन्न हिन्दू संगठनों ने हड़ताल कर यातायात ठप कर दिया था। पुलिस ने बताया कि इस हमले में गिरफ्तार सात में से पांच लोगों पर जन सुरक्षा कानून लगाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि जिन लोगों पर जसुका लगाया गया है, उनमें संदूर सिंह, दनेश उर्फ पम्मा, हरीश सिंह कटोच, बलबहादुर सिंह उर्फ अब्बू और वीरेंद्र सिंह उर्फ काका शामिल हैं। पांचों पर जसुका लगाने का निर्णय उधमपुर के जिलाधिकारी ने जिला पुलिस द्वारा सौंपे गए डोजियर के आधार पर लिया था। पुलिस ने इन लोगों के आपराधिक इतिहास की ओर संकेत किया है क्योंकि उनके खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज हैं। डोजियर के मुताबिक अनुसार इन लोगों के खिलाफ एक पूर्व निर्धारित और प्रेरित योजना के तहत राज्य में शांति और जनव्यवस्था बिगाड़ने के मकसद से एक आपराधिक साजिश रचने और उसे अंजाम देने का मामला दर्ज किया गया है। इस बीच, जाहिद के पैतृक स्थल दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग जिले के बातेनगू में इस मौत के खिलाफ स्वत: स्फूर्त बंद रखा गया। अनंतनाग के पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने बताया कि श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित बातेनगू गांव में जाहिद अहमद की मौत के विरोध में बंद रखा गया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गांव और आसपास के क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों पर पथराव किए। इसके जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग को बंद कर दिया गया है। अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैयार रखा गया। जाहिद की मौत के विरोध में जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख यासीन मलिक ने सोमवार को घाटी में हड़ताल की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल उन मुसलमानों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए जिनका गोमांस खाने की अफवाहों के कारण दक्षिण पंथी हिन्दू संगठनों ने वध कर दिया। वहीं नरमपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने जाहिद की मौत के लिए सरकार को दोषी बताया। उन्होंने कहा, ‘सरकार सांप्रदायिक ताकतों पर लगाम लगाने में विफल रही है, जो राज्य में माहौल बिगाड़ने पर तुले हैं।’ हुर्रियत कांफ्रेंस के दोनों धड़ों और कश्मीरी पंडितों के एक संगठन और व्यापारियों की संस्था ने हड़ताल की अपील का समर्थन किया है। सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाले कट्टरपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस ने एक बयान में कहा, ‘जाहिद अहमद की हत्या के लिए पीडीपी-भाजपा सरकार जिम्मेदार है। सरकार के सत्ता में आने के बाद से आरएसएस की विचारधारा को पनपने का मौका दिया जा रहा है। सांप्रदायिक तत्वों की हिम्मत अब इतनी बढ़ गई है कि उन्होंने हत्या कर दी।’