इंदौर। आईआईटी इंदौर में डायरेक्टर पर पूर्व डिप्टी डायरेक्टर द्वारा अनियमितता के आरोप लगाने की गरमाहट अभी कम नहीं हुई और इधर एक नया विवाद सिर उठा रहा है। यह विवाद है चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के एक-एक पद पर भर्ती के लिए निकाले गए विज्ञापन को लेकर।
इसमें शर्त ऐसी रखी गई है कि संस्थान के प्रोफेसर ही सवाल दाग रहे हैं। आवेदन के लिए अंतिम तारीख 23 मार्च रखी गई है। दरअसल, आईआईटी की ओर से जारी विज्ञापन में बताया गया कि चीफ इंजीनियर की भर्ती कॉन्ट्रेक्ट या प्रतिनियुक्ति पर की जानी है। इसके लिए सिविल इंजीनियरिंग डिग्री फस्र्ट क्लास में पास होना चाहिए। कंस्ट्रक्शन में १५ साल अनुभव होना भी जरूरी है। सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के लिए भी इसी प्रकार की योग्यताएं तय की गई हैं।
हालांकि ये अर्हताएं एक शर्त के कारण किसी काम की साबित नहीं हो रही हैं। विज्ञापन के अंत में लिखा गया है कि यदि योग्य उम्मीदवार मिला तो सभी अनिवार्य योग्यताओं को शिथिल कर दिया जाएगा। ऐसे में संस्थान के कुछ प्रोफेसर का कहना है कि यह शर्त डालनी ही है तो फिर अनिवार्य योग्यताओं का क्या मतलब रह जाता है?
कोई इंजीनियर योग्य कैसे हो सकता है, यदि वो जरूरी अर्हताओं को पूरा नहीं करता है तो? इस शर्त के बारे में डायरेक्टर प्रदीप माथुर से पूछा तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।