2 अक्तूबर को लाल बहादुर शास्त्री जी की समाधि विजयघाट पर नरेंद्र मोदी का ना जाना देशभक्तों और भाजपा से जुड़े लोगो को भी नहीं भा रहा है I सोशल मीडिया पर इसको लेकर नरेंद्र मोदी की जबरदस्त आलोचना शुरू हो गयी है I यू तो नरेंद्र मोदी की आलोचना कोई नई बात नहीं है मगर पहली बार भाजपा से जुड़े लोग भी मोदी को घेरने मे लग गये है I एन सी आर खबर ने सोशल मीडिया से ऐसे ही कुछ पोस्टो को एकत्र किया है
हरिद्वार से यू सी जैन लिखते है “आज एक समाचार पढ़ कर कुछ अफ़सोस हुआ कि हमारे प्रधानमंत्री कल लाल बहादुर शास्त्री जी की समाधि पर नही गये , अधिक जानकारी के अनुसार भाजपा के नियम के अनुसार केवल गांधीजी कि समाधी पर ही जाने का नियम है. मेरा आग्रह है भाजपा के नियम बनाने वालो से कि लाल बहुदुर शास्त्री जी कि वजह ही आज हम अमन कि साँस ले रहे है . जिन्होंने १९६५ कि लड़ाई अपनी कार्य कोशलता से पाकिस्तान से जीती एवं पाकिस्तान को मुहं कि खानी पड़ी ,यह उस समय हुआ जब हम एक तरफ चीन से १९६२ कि लड़ाई हारे हुए थे और शास्त्री जी को प्रधानमंत्री बने कुछ ही समय हुआ था .एक तरफ चीन ने हमारा लाखो किलोमीटर जमीन का हिस्सा कब्जा लिया था और दूसरी तरफ सेना के पास पुराने हथियार थे और उनका होसला भी कमजोर था . लेकिन छोटे कद के हमारे लाल कि एक हुंकार पर हमारे जवानो ने पकिस्तान को बहुत कम संसाधन के बावजूद धुल चटा दी थी . ऐसे महान प्रधानमंत्री मंत्री को भाजपा पूर्ण आदर दे ऐसा मेरा आग्रह है , यदि आप सब भी सहमत हो तो इस बात को आगे बढाये ताकि अगले वर्ष यह वाकया दोबारा न दोहराया जाय. धन्यवाद”
नरेश कुमार जोशी का कहना है की जब protocol तोडकर विदेशी नेताओं का स्वागत करने airport जाया जा सकता है ये तो केवल party का ही नियम था। वैसे भी कोई भी नियम उन करोडो लोगो की भावनाओं से ऊपर नही होता जिन्होंने आपकी party को जिताया है।
अनिल गुप्ता इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहते है की ये कैसा नियम बना रखा हैं पार्टी ने…..कि विदेशो में जाकर सम्बंधित देश के महानुभावों /प्रभुत्व व्यक्तियों की समाधियों पर जाकर तो श्रद्धाजलिं दी जा सकती हैं…लेकिन अपने ही देश की महान शख्सियत की इस तरह उपेक्षा की जाती हैं…ये कैसा नियम हैं…!!
शेखर दहिया सैनी के अनुसार जो लालबहादुर जी का सम्मान नहीं करता उसे कुछ मत कहो वो अभी अपने अहंकार मैं है। लालबहादुर जी के लिए हर हिंदुस्तानी के दिल मैं जगह है हिंदुस्तानी सच्चे दिल से बहादुर जी का सम्मान करते है । लेकिन हर भारतीय को अफ़सोस है की उनकी मोत का राज आज तक जनता के सामने नहीं आया है।
सुदीपशर्मा कहते है एक तरफ PM बड़े बड़े जुमले बजाते है और दूसरी तरफ हमारे देश के सबसे सरल एवम् ईमानदार प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जि को नमन करने के लिए उनका प्रोटोकॉल आगे आ जाता है…लगता है कि निजी companay के ceo उनके लिए शास्त्री जी से ज्यादा जरूरी हैं….बहुत शर्म की बात है