अहमदाबाद। ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे आंदाेलनरत पटेल समुदाय पर हुए लाठीचार्ज के बाद शुरू हुई हिंसा में अब तक करीब आठ लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। वहीं करीब सौ लोग हिंसा की चपेट में आकर घायल हो गए हैं। हिंसा की चपेट में आए राजकोट मेहसांणा और सूरत में हालात काबू में करने के लिए सेना को बुलाया गया है। वहीं दूसरी ओर अहमदाबाद में आज भी स्कूल बंद रहेंगे। यहां के नौ थानाक्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा राजकोट, मेहसाणा, उंझा, विसनगर और जामनगर में भी कर्फ्यू लगाया गया है। सूरत और पाटन में कर्फ्यू हटा लिया गया है।
कई जगहों पर लगे कर्फ्यू के बीच गुजरात में सेना और अर्धसैनिक बलों की कुल 133 कंपनियां तैनात की गई हैं। अकेले अहमदाबाद में ही सेना के पांच कॉलम तैनात हैं। वहीं सूरत, मेहसाणा और राजकोट में दो-दो कॉलम सेना की तैनाती की गई है। राज्य में अर्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है। वर्ष 2002 के बाद गुजरात में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है।
अफवाहों की रोकथाम के लिए राज्य प्रशासन ने इंटरनेट सेवा और मोबाइल सेवाओं में व्हाट्सएप आदि सेवाएं बंद कर दी हैं। बुधवार को छिटपुट हिंसा के बीच शाम को सेना ने फ्लैग मार्च किया। गुजरात पुलिस के अनुसार मंगलवार की रात पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई।
इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने आज इस बात से इनकार किया कि सरकार कीे तरफ से अहमदाबाद की रैली में प्रदर्शनकारियों पर लाठी भांजने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा कि जीएमडीसी मैदान में लाठीचार्ज की घटना के मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं। गुजरात के डीसीपी जांच कर रहे हैं। सरकार को रिपोर्ट का इंतजार है. सरकार ने लाठीचार्ज के लिए या अत्यधिक बल प्रयोग के लिए कोई आदेश नहीं दिया था।
अहमदाबाद। ओबीसी आरक्षण की मांग कर रहे आंदाेलनरत पटेल समुदाय पर हुए लाठीचार्ज के बाद शुरू हुई हिंसा में अब तक करीब आठ लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है। वहीं करीब सौ लोग हिंसा की चपेट में आकर घायल हो गए हैं। हिंसा की चपेट में आए राजकोट मेहसांणा और सूरत में हालात काबू में करने के लिए सेना को बुलाया गया है। वहीं दूसरी ओर अहमदाबाद में आज भी स्कूल बंद रहेंगे। यहां के नौ थानाक्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है। इसके अलावा राजकोट, मेहसाणा, उंझा, विसनगर और जामनगर में भी कर्फ्यू लगाया गया है। सूरत और पाटन में कर्फ्यू हटा लिया गया है।
सेना और अर्धसैनिक बल तैनात
कई जगहों पर लगे कर्फ्यू के बीच गुजरात में सेना और अर्धसैनिक बलों की कुल 133 कंपनियां तैनात की गई हैं। अकेले अहमदाबाद में ही सेना के पांच कॉलम तैनात हैं। वहीं सूरत, मेहसाणा और राजकोट में दो-दो कॉलम सेना की तैनाती की गई है। राज्य में अर्धसैनिक बलों के पांच हजार जवानों को तैनात किया गया है। वर्ष 2002 के बाद गुजरात में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है।
इंटरनेट और व्हाट्सअप बंद
अफवाहों की रोकथाम के लिए राज्य प्रशासन ने इंटरनेट सेवा और मोबाइल सेवाओं में व्हाट्सएप आदि सेवाएं बंद कर दी हैं। बुधवार को छिटपुट हिंसा के बीच शाम को सेना ने फ्लैग मार्च किया। गुजरात पुलिस के अनुसार मंगलवार की रात पुलिस फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई।
लाठीचार्ज पर सीएम की सफाई , जांच के आदेश
इस बीच राज्य की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने आज इस बात से इनकार किया कि सरकार कीे तरफ से अहमदाबाद की रैली में प्रदर्शनकारियों पर लाठी भांजने का आदेश दिया गया था। उन्होंने कहा कि जीएमडीसी मैदान में लाठीचार्ज की घटना के मामले में जांच के आदेश दे दिये हैं। गुजरात के डीसीपी जांच कर रहे हैं। सरकार को रिपोर्ट का इंतजार है. सरकार ने लाठीचार्ज के लिए या अत्यधिक बल प्रयोग के लिए कोई आदेश नहीं दिया था।
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