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दिल्ली की सड़कों से डीटीसी बसें नदारद, यात्रियों को हो रही भारी परेशानी

नई दिल्ली। दिल्ली की लाइफ लाइन कहे जाने वाली डीटीसी बसें आज बंद हैं। अपनी सुरक्षा की मांग को लेकर डीटीसी बसों के ड्राइवर और कंडक्टर हड़ताल पर हैं। रविवार को मुंडका गांव में रोडरोज के दौरान एक बाइक सावार ने डीटीसी बस चालक अशोक की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। इस हत्या के विरोध में डीटीसी बस चालक और कंडक्टर सोमवार को सड़कों पर बस लेकर नहीं उतरे। बस सेवा बंद होने की वजह से दिल्लीवायियों को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ऑटो चालक यात्रियों से मनचाहा किराया वसूल रहे हैं। मेट्रो में भी काफी भीड़ बढ़ गई है। अपने साथी ड्राइवर की हत्या के विरोध में डीटीसी कर्मियों ने सरकार से तीन मांगें रखी है। उनकी पहली मांग है कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए। दूसरी मांग पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की है। तीसरी मांग डीटीसी बस के ड्राइवर व कंडक्टर के सुरक्षा की है। हालांकि दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान कर दिया है। लेकिन फिर भी डीटीसीकर्मी काम पर वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। ऑटो और रिक्शे वालों की मनमानी डीटीसी बसों की हड़ताल की वजह से स्थानीय लोगों को रिक्शा और ऑटो रिक्शा का सहारा लेना पड़ रहा है। मौके क फायदा उठाते हुए ऑटो वालों ने अपने कराये बढ़ा दिये हैं। वे यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए ज्यादा किराया वसूल रहे हैं। कई जगहों पर तो रिक्शे और ई-रिक्शा वालों ने भी अपने किराये दोगुने कर दिये हैं। डीटीसी बस डिपो पर यात्रियों की भीड़ बसों के बंद होने से सड़कों पर यात्रियो की काफी भीड़ जमा हो गई है। लोग ऑटो और रिक्शा के इंतजार में घंटों इंतजार में खड़े हैं। कोई ऑटो मिल भी रहा है तो वे ऑने-पौने किराया वसूल रहा है तो कुछ में सीट से ज्यादा सवारियों को ठूंस कर ले जाया जा रहा है। डिपो पर भी यात्रियों की भारी भीड़ देखी जा रही है। ऑफिस पहुंचने में हो रही देरी डीटीसी बसों के नहीं चलने से लोगों के ऑफिस पहुंचने में भी देरी हो रही है। दिल्ली में हर दिन हजारों लोग बस की यात्रा कर गुड़गांव, दिल्ली व नोएडा में अपने ऑफिस तक पहुंचते हैं। ये सभी लोग आज घंटों की देरी से ऑफिस पहुंच रहे हैं। डीटीसी के बेड़े में हैं इतनी बसें डीटीसी के बेड़े में लगभग 6000 बसें हैं। जबकि लगभग 1200 बसें कलस्टर बसें है। इन दोनों को मिलाकर बसों की कुल संख्या लगभग 11 हजार होनी चाहिए जबकि अभी यह संख्या जरूरत से काफी कम है। इनमें डीटीसी की 2500 लो फ्लोर नॉन एसी और 1375 एसी बसें शामिल हैं। डीटीसी को लगा करोडो़ं का चूना डीटीसी सेवा बंद होने से दिल्ली परिवहन विभाग को आज करोडो़ं का चूना लगा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डीटीसी बसों के चलने से हर दिन की कमाई लगभग चार करोड़ रुपये है। लेकिन आज डीटीसी कर्मियों के हड़ताल की वजह से परिवहन विभाग को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है।

एन सी आर खबर ब्यूरो

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