मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर बाढ़ पुनर्वास कार्यक्रम के लिए पैकेज शीघ्र जारी करने की मांग की। दिल्ली में हुई इस मुलाकात में रियासत के वित्त मंत्री डॉ. हसीब द्राबू भी मुख्यमंत्री के साथ थे। जेटली ने कहा कि बाढ़ से इंफ्रास्ट्रक्चर को हुए नुकसान के लिए केंद्र सरकार की ओर से शीघ्र आवंटन जारी किया जाएगा।
इससे पहले वित्त मंत्री द्राबू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बाढ़ राहत के लिए विशेष पैकेज की मांग की थी। मुफ्ती सरकार केंद्र सरकार से कुछ भी हासिल नहीं होने के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचना झेल रही है। बिजली प्रोजेक्टों की वापसी पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही को बाधित किया था।
विपक्ष इन मुद्दों पर सरकार को लगातार घेर रहा है। ऐसे में मुफ्ती की कोशिश है कि केंद्र से बड़े पैकेज का ऐलान कराया जाए ताकि विपक्ष को जवाब दिया जा सके। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार ने बाढ़ राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र से 44 हजार करोड़ के विशेष पैकेज की मांग की थी।हालांकि, मुफ्ती सरकार उस प्रस्ताव से सहमत नहीं है, लेकिन, बाढ़ पीड़ितों के लिए तुरंत राहत के लिए प्रयास तेज कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद जेटली से अपनी मुलाकात में मुफ्ती ने बाढ़ राहत और पुनर्वास के कार्यक्रम पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने केंद्र को सौंपे गए पुनर्निर्माण कार्यक्रम के तहत धनराशि उपलब्ध कराने पर जोर दिया।
मुफ्ती सरकार ने एक अप्रैल से राहत और पुनर्वास कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान कर रखा है। इस बाबत केंद्र से राशि की मांग की गई। जेटली ने कहा कि केंद्र सरकार उनकी तुरंत मदद करेगी जिनकी जीविका तबाह हो गई है। पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र सहायता का भी उन्होंने भरोसा दिया।
जेटली ने मुफ्ती को सलाह दी कि वैसी सड़कों और जनहित के अन्य प्रोजेक्टों की पहचान की जानी चाहिए जिन्हें वर्तमान बजट में ही राहत दी जा सके। मुफ्ती ने कहा कि पर्यटन सीजन शुरू होने वाला है, इसलिए पर्यटन ढांचे को फिर से खड़ा करना बेहद जरूरी है।