प्राइवेट बैंक के ग्राहकों के लिए नया वित्त वर्ष पेनाल्टी और चार्जेज से भरा हुआ होने वाला है। एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक ने अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में फाइन लगाने के नए नियमों की घोषणा की है।
चेक से ट्रांजैक्शन न करके ऑनलाइन बैंकिंग करने वालों पर भी कुछ नए चार्जेज लगने वाले हैं। पिछले साल नवंबर में भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल से न्यूनतम बैलेंस न रखने वाले ग्राहकों पर बैलेंस के अनुपात में ही फाइन लगाने को अनिवार्य करने के लिए कहा था।
अब तक यह चार्जेज 100 रुपए से लेकर 4000 रुपए तक लगते थे। अब इन चार्जेज को अनुपात में लगाना अनिवार्य करने की वजह से बैंकों की कमाई घट जाएगी, जिसके चलते बैंक अलग तरह के चार्जेज लगाने की तैयारी में हैं।जब बैंक ग्राहकों का बैलेंस न्यूनतम सीमा पर पहुंचेगा तो उस पर लगने वाले फाइन के बारे में ग्राहकों को एसएमएस और ईमेल करके सूचित करना बैंक की जिम्मेदारी होगी।
साथ ही, अब बैंक नेगेटिव बैलेंस नहीं दिखा सकेंगे। अब तक बैंक न्यूनतम सीमा पार होने पर कई बार चार्ज को निगेटिव में दिखा देते थे, जिसे भविष्य में जमा होने वाली रकम से काट लिया जाता था।एचडीएफसी बैंक ने न्यूनतम बैलेंस न रखने पर चार्जेज लगाने का नए नियम जारी किए हैं। नए नियमों के अनुसार न्यूनतम बैलेंस न रखने की स्थिति में 150 रुपए से 600 रुपए तक का फाइन लगाया जाएगा।
बैंक की कुछ शाखाओं में लॉकर के रेंटल को दोगुना कर दिया गया है। पिन को दोबारा जनरेट करवाने के लिए 50 रुपए का भुगतान करना होगा। साथ ही, अगर कोई स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन (एक निश्चित दिन अकाउंट से ऑटोमेटिक भुगतान) अमान्य होता है तो 200 रुपए का फाइन लगेगा।आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि अरबन और मेट्रो क्षेत्रों में न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में लगने वाला फाइन 100 रुपए बढ़ाया जाएगा। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसी कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी।
कोटक महिंद्रा बैंक ने न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में लगने वाले फाइन को 1 अप्रैल से 50 रुपए बढ़ाने का फैसला किया है। साथ ही एक्सिस बैंक ने भी कहा है कि न्यूनतम बैलेंस न होने की स्थिति में ग्राहकों को कम से कम 350 रुपए या हर 100 रुपए की कमी पर 5 रुपए में जो भी कम हो, उतना फाइन देना होगा। अभी तक यह फाइन 250 रुपए प्रति महीने था।