
रेल बजट में यात्री किराए में बढ़ोतरी नहीं कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिनों को पुख्ता करने का रेल मंत्री सुरेश प्रभु का दावा हवा हवाई साबित होता दिख रहा है।
मालभाड़े को महंगा करने के बाद आम आदमी के लिए रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर जाना भी महंगा हो गया है। रेल मंत्रालय ने एक अप्रैल से प्लेटफॉर्म टिकट दोगुना करने का फैसला कर लिया है।
अब तक प्लेटफॉर्म टिकट पांच रुपये का मिलता था, लेकिन एक अप्रैल से यह 10 रुपये का मिलेगा। यही नहीं रेल मंत्रालय ने स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रित करने के लिए प्लेटफॉर्म टिकट 10 रुपये से भी अधिक राशि का करने की शक्तियां डिवीजनल रेलवे मैनेजरों (डीआरएम) को प्रदान कर दी हैं।अभी तक मुसाफिरों के साथ सगे संबंधियों का रेलवे स्टेशन पर जाकर उन्हें ट्रेन पर बिठाकर विदा करने की परंपरा सुलभ और सस्ती थी, लेकिन अब अपने करीबियों को विदाई की इस परंपरा को निभाने के बारे में आम जनता को सोचना पड़ेगा।
रेलवे के फाइनेंशियल कमिश्नर की ओर से जारी आदेश में रेलवे के सभी जोनल मैनेजरों और चीफ कॉमर्शियल मैनेजरों से कहा गया है कि वे अपने जोनों में नई दरों से प्लेटफॉर्म टिकट बिकवाने के साथ नई दरों के टिकट छपवाने की भी व्यवस्था करें।
अगर नई दरों के प्लेटफॉर्म टिकट समय से नहीं छप पाते हैं तो पुराने छपे हुए टिकटों पर नई दरों की मुहर लगाकर उन्हें बेचा जाए। साथ ही अनरिजर्व्ड टिकटिंग मशीनों (यूटीएस) और सेल्फ प्रिंटिंग टिकटिंग मशीनों के सॉफ्वेयरों को भी नई दरों के हिसाब से संशोधित करने को कहा गया है।मेले और रैलियों के दौरान स्टेशनों पर होने वाली भीड़ पर लगाम लगाने के लिए डीआरएम को आदेश दिए गए हैं कि उस दौरान वह प्लेटफॉर्म टिकट की दर 10 रुपये से और ज्यादा कर सकते हैं।
हालांकि रेल मंत्रालय ने प्लेटफॉर्म टिकट के रेट तो बढ़ा दिए हैं, लेकिन इस बारे में कोई आदेश नहीं दिया है कि प्लेटफॉर्म टिकट के बिना रेलवे स्टेशन जाने वालों की संख्या में किस तरह कमी की जाएगी या उनके खिलाफ किस तरह की सख्ती की जाएगी।
इस वक्त दिल्ली के चारों रेलवे स्टेशन नई दिल्ली, आनंद विहार, हजरत निजामुद्दीन, पुरानी दिल्ली में प्रति माह तक तकरीबन 50 हजार प्लेटफॉर्म टिकट ही बिकते हैं।