कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा, ‘अब भी केस लड़ना चाहते हैं

हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सोमवार को पूछा कि क्या वो अब भी केस चलाए रखना चाहते हैं, जबकि अब इसमें कुछ बचा नहीं है।
दरअसल केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा उनपर ठोके गए मानहानि के मुकदमे में निचली अदालत द्वारा उन्हें जेल भेजने के फैसले के खिलाफ केस दायर किया है।
मुख्यमंत्री की दलील है कि इस मामले में बेल बॉन्ड न भरने पर कोर्ट ने उन्हें दो दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया था।
उनका कहना है कि बॉन्ड की अनिवार्यता की बजाए अदालत को उनके लिखित हलफनामे को मंजूर कर लेना चाहिए था।हाईकोर्ट ने मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने के मामले में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को नोटिस जारी जवाब मांगा है। मामला द्वारका इलाके में स्थित निजी स्कूल प्रेसीडियम से जुड़ा है। कोर्ट ने कहा कि यह गंभीर मामला है और इसकी करवायी जानी चाहिये। मामले की अगली सुनवाई के लिये कोर्ट ने 16 अप्रैल की तारीख तय की है।
जस्टिस विभू बाखरु की पीठ ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच विशेषज्ञों द्वारा करवायी जानी चाहिये। कोर्ट ने परिजनों की ओर से दायर याचिका पर उक्त नोटिस जारी किया है।
परिजनों की ओर से पेश हुये अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने कहा स्कूल के खातों के मुताबिक उसने वर्ष 2012 में 84 लाख रुपये की जमीन व 1.33 करोड़ रुपये की इमारत खरीदी। जबकि स्कूल ने 2011 में 2.88 करोड़ रुपये की इमारत खरीदी। जबकि असल में कोई निर्माण नहीं हुआ।
स्कूल ने वर्ष 2012 में 1.97 करोड़ के कई ऐसे खर्चे दिखाये हैं जिनका कोई ब्यौरा नहीं दिया गया है। इतना ही स्कूल ने 2013-14 में छात्रों से प्रतिमाह 6225 रुपये ट्यूशन फीस वसूल की जबकि शिक्षा निदेशाल को दिये गये कागजों में यह फीस 4975 रुपये प्रतिमाह दर्शायी गयी।
याचिका में कहा गया है कि स्कूल नर्सरी में दाखिला लेने वाले छात्रों की फीस भी बढ़ा रहा है। इसी तरह अन्य के खर्च दिखाकर भी फीस बढ़ायी जा रही है। इस फीस को बढ़ाने का आधार नहीं है, इसलिये इस बढ़ी फीस को वापस लेने का निर्देश दिया जाये।