अभी तक घर वापसी के मुद्दे पर दूसरों को नसीहत देने वाले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मदर टेरेसा को लेकर विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने मदर टेरेसा पर धर्म परिवर्तन का आरोप मढ़ दिया है। हालांकि भागवत के इस बयान के बाद इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।
सरसंघचालक मोहन भागवत के इस बयान पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधा है। केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि मदर टेरेसा पवित्र आत्मा थी। उन्हें ऐसे विवादों से अलग रखना चाहिए।
केजरीवाल ने अपने ट्वीट में कहा कि मैंने मदर टेरेसा के साथ उनके कोलकाता स्थित निर्मल हृदय आश्रम में काम किया है। वो पवित्र आत्मा हैं। उन्हें छोड़ देना चाहिए।
आरएसएस प्रमुख ने सोमवार को राजस्थान में ईसाई धर्म पर विवादित बोल बोलते हुए ये टिप्पणी की। भागवत ने कहा कि रोमन कैथलिक चर्च, सेवा की आड़ में धर्म परिवर्तन करा रहे हैं।
भागवत ने नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा को लेकर भी टिप्पणी की। आरएसएस प्रमुख ने कहा कि उनके यहां सेवा अच्छी होती होगी, लेकिन वहां भी इसके पीछे एक उद्देश्य रहता था कि जिसकी सेवा हो रही है, वह इसाई धर्म ग्रहण कर ले।
निराश्रित बच्चों के लिए भरतपुर में संचालित एक संस्था अपना घर के नए भवन के लोकार्पण समारोह में भागवत ने कहा कि सेवा के नाम पर नए तरह का षडयंत्र सामने आ रहा है। देश के अपने लोग अपनों की सेवा नहीं कर रहे, इसलिए बाहर के लोग यहां आकर सेवा कर रहे हैं।
भागवत यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे कहा कि कोई किसी को ईसाई बनाए या न बनाए, यह उसकी इच्छा है, लेकिन सेवा के जरिए ऐसा किया जाता है तो सेवा का अवमूल्यन हो जाता है। सेवा की आड़ में ही धर्मान्तरण का काम हो रहा है।
इसी कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह ने कहा कि अरूणाचल प्रदेश में चर्च से जुडी संस्थाएं 1960 से धर्म परिवर्तन करा रही हैं। उस समय वहां दस प्रतिशत ईसाई थे आज 90 प्रतिशत ईसाई हैं।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में सोनिया गांधी पर भी धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने के आरोप लगाए।