अमेरिकी राज्य साउथ डकोटा में एक ऐसा कानून पारित किया गया है, जिसके तहत स्कूल में अध्यापकों को अपने साथ बंदूक ले जाने की इजाज़त होगी।
इस कानून का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि इससे स्कूलों में होने वाले हमलों से बचने में मदद मिलेगी। ऐसे समय में जब व्हाइट हाउस में बंदूक लाइसेंस से जुड़े कानूनों को सख्त बनाने की बात हो रही है, साउथ डकोटा में ऐसे कानून के लागू होने से ये बात साफ है कि अमेरिका में बंदूक रखने को लेकर लोगों का मत बंटा हुआ है।
साउथ डकोटा में पारित किए गए इस कानून में स्कूलों के ऊपर ये प्रावधान थोपा नहीं गया है। कानून के मुताबिक ये फैसला स्कूल ही करेगा कि उनके स्टाफ के पास बंदूक होनी चाहिए या नहीं। ये कानून जुलाई से लागू किया जाएगा। इस कानून का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि अगर अध्यापकों के पास बंदूक होगी तो वे किसी बंदूकधारी हमलावर से खुद निपट सकेंगें।
बंटा समाज
रिपब्लिकन पार्टी द्वारा बनाए गए इस कानून के मुताबिक हर स्कूल में कुछ अध्यापकों को ‘पहरेदारों’ के रूप में चुना जाएगा और उन्हें बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
इससे पहले कई स्कूलों के अध्यापक और वरिष्ठ अधिकारी स्कलों में बंदूक लाए जाने के खिलाफ अपनी आवाज़ उठा चुके हैं। उनका कहना है कि ऐसे कदम उठाने से स्कूलों में खतरा और बढ़ जाएगा। लेकिन इस कानून का प्रतिनिधि करने वाले स्कॉट क्रेग का कहना है कि कई स्कूलों ने इस कानून के समर्थन में अपनी आवाज़ उठाई है।
उनका कहना था कि राज्य में ग्रामीण ज़िलों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे नए पुलिस अफसरों की नियुक्ति कर सकें। अमेरिका में कई ऐसे हादसे हो चुके हैं जिसमें बंदूकधारियों ने आम लोगों पर हमला किया है और ऐसे हमलों में कई लोग मारे जा चुके हैं। अमेरिका के कानून में हर नागरिक को बंदूक रखने का अधिकार है, हालांकि इस पर अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग सीमाएं हैं।