टाटा पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के शेयरों पर इस हफ्ते भारी दबाव बन सकता है। एग्जिट पोल के नतीजों के हिसाब से आम आदमी पार्टी (AAP) दिल्ली चुनाव को बहुमत के साथ जीतती दिख रही है। ऐनालिस्ट्स को डर है कि बिजली के लिए सब्सिडी और पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के बही-खातों की जांच जैसी AAP की नीतियों के चलते कहीं इन्वेस्टर्स के सेंटिमेंट को झटका न लगे।
बोनांजा पोर्टफोलियो के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट राकेश गोयल ने कहा, ‘टाटा पावर और रिलायंस इंफ्रा जैसी पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के शेयर बिकवाली के दबाव में आ सकते हैं क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजे इशारा कर रहे हैं कि AAP दिल्ली का चुनाव बहुमत से जीत सकती है।’
AAP ने चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि सत्ता में आने पर वह प्राइवेट पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के बही-खातों के ऑडिट का ऑर्डर देगी। दिल्ली में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के एकाधिकार का आरोप लगाते हुए पार्टी ने कहा था कि पावर सप्लायर्स के बीच और कॉम्पिटिशन को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि कन्जयूमर्स को फायदा हो। AAP की सरकार जब दिसंबर 2013 में 49 दिन के लिए सत्ता में आई थी तब उसने कैग ऑडिट का ऑर्डर जारी किया था।
कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के फंड मैनेजर पी फणी शेखर ने कहा, ‘जिन पावर कंपनियों का दिल्ली में बिजनस है उनके शेयरों में सोमवार को गिरावट आ सकती है क्योंकि एग्जिट पोल के नतीजे निराशाजनक रहे हैं। इन्वेस्टर्स के लिए चिंता की बड़ी बात नई सरकार की तरफ से प्राइवेट पावर डिस्ट्रिब्यूटर्स का ऑडिट है। हमारे हिसाब से ऑडिट में पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलेगा, लेकिन अनिश्चतता तो बनी रहेगी।’
टाटा पावर और रिलांयस इंफ्रा के शेयर फरवरी में अपने हाई से क्रमश: 9 पर्सेंट और 10 पर्सेंट गिरे हैं। दोनों शेयरों ने बीएसई पावर इंडेक्स को अंडरपरफॉर्म किया है, जिसमें इस दौरान 5.7 पर्सेंट गिरावट आई थी। इन पावर कंपनियों के शेयरों में कमजोरी का रुझान इसलिए बना क्योंकि ऑपिनियन पोल के नतीजे फरवरी की शुरुआत में आए थे।
आनंद राठी में डेरिवेटिव ऐनालिस्ट चंदन तापड़िया ने कहा, ‘रिलायंस पावर जैसे हाई बीटा शेयर सोमवार को 8 पर्सेंट और टाटा पावर 5 पर्सेंट तक गिर सकता है जबकि NTPC और पावर ग्रिड 3 पर्सेंट तक चढ़ सकता है। इन पावर कंपनियों में शॉर्ट पोजिशंस बनी हैं क्योंकि दिल्ली चुनाव को लेकर बहुत अनिश्चतता है। ट्रेडर्स का सेंटिमेंट मंदी वाला रह सकता है क्योंकि APP सहित कई पॉलिटिकल पार्टियों ने चुनाव प्रचार में सस्ती बिजली का वादा किया था। यह दिल्ली में बिजनस करने वाली पावर कंपनियों के लिए नेगेटिव हो सकता है।’
दिल्ली में अगली सरकार बनाने की मजबूत दावेदारी पेश करने वाली AAP ने बिजली की कीमतों में कटौती का भी संकेत दिया है। इससे भी शेयरों को नुकसान हो सकता है। टाटा पावर को 20 पर्सेंट डिस्ट्रिब्यूशन रेवेन्यू दिल्ली से हासिल होता है।