मैगजीन शार्ली एब्दो ने अपने दफ्तर पर हुए जानलेवा हमले के बाद नए संस्करण के साथ वापसी की है। मैगजीन ने नए एडिशन में पैगंबर का कार्टून छापा है। हमले के बाद उसका पहला संस्करण बुधवार को बाजार में आएगा। मैगजीन के पहले पेज पर ‘सब कुछ माफ है’ की हेडलाइन दी गई है। इसके साथ ही पैगंबर का एक कार्टून है, जिसमें उनकी आंखों से आंसू निकल रहे हैं और हाथों में पकड़ी तख्ती पर लिखा हुआ है- ‘मैं शार्ली हूं।’
फ्रांस के इस व्यंग्य मैगजीन के कवर को कई देशों की मीडिया ने खुलेआम पब्लिश किया। कई पश्चिमी और लैटिन अमेरिकी देशों की मीडिया ने इसे प्रमुखता से छापा है। हालांकि कुछ पश्चिमी देशों, अधिकतर अरब और कुछ अफ्रीकी और एशियाई देशों ने मोहम्मद के चित्रण पर मुस्लिमों की आपत्ति के कारण इसे नहीं छापा। मिस्र की मुख्य इस्लामिक अथॉरिटी दार-उल-इफ्ता ने इस कवर को डेढ़ अरब मुसलमानों की भावनाओं का बेमतलब अपमान बताया है।
मैगजीन के इस एडिशन में छपे एक कार्टून में उन दो हमलावरों को भी मजाक उड़ाया गया है। इस कार्टून में हमला करने वाला एक हमलावर जन्नत पहुंचकर पूछता है, ‘मेरी 70 हूरें कहां हैं?’, उसे जवाब मिलता है, ‘वह तो शार्ली की टीम के साथ हैं, लूजर।’
30 लाख कॉपियां
मैगजीन के इस संस्करण की 30 लाख कॉपियां छापी गईं, जो कि अभी तक छपने वाली कॉपियों की 50 गुना है। अभी तक मैगजीन तकरीबन 60,000 कॉपियां ही छापती थी। मंगलवार को इनकी छपाई का काम जारी था, बुधवार को मैगजीन का यह संस्करण न्यूजस्टैंड्स में पहुंचेगा। इस अंक में मारे गए कार्टूनिस्टों द्वारा बनाए गए कुछ ऐसे कार्टून भी छापे गए हैं, जो अभी तक प्रकाशित नहीं हुए।
अलकायदा ने फिर धमकाया
अलकायदा की नॉर्थ अफ्रीका ब्रांच ने जिहादिस्ट वेबसाइट पर लिखा गया है कि फ्रांस ने मुस्लिम देशों पर हो रहे अत्याचार और उनके धर्म के साथ खिलवाड़ की सजा पाई है। जब तक माली और सेंट्रल अफ्रीका में हमारे लोगों को मारा जाएगा, सीरिया-इराक में हमले जारी रहेंगे। इसी तरह जब तक मीडिया पैगंबर की छवि बिगाड़ने की कोशिश करेगा, तब तक फ्रांस को इससे भी ज्यादा बड़े हमले झेलने पड़ेंगे।