फिल्म ‘पीके’ को यूपी में टैक्स फ्री कर हिंदू संगठनों के निशाने पर आए सीएम अखिलेश अब पायरेसी में फंस गए हैं। फिल्मकारों ने उन पर कार्रवाई की मांग की है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ’पीके’ को अच्छी फिल्म करार देकर इसे सूबे में टैक्स फ्री कर दिया था। उनका कहना था कि इस फिल्म को हर किसी को देखना चाहिए।
उन्होंने इसके पहले एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि मैंने आमिर खान की फिल्म ‘पीके’ को डाउनलोड करके देखा है। उनके इस बयान के बाद ही उन पर पायरेसी को बढ़ावा देने के आरोप लगने लगे।
इसके अलावा फिल्मकार अशोक पंडित ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि अखिलेश ने पाइरेसी का समर्थन किया है। सूचना प्रसारण मंत्रालय को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए।
अखिलेश ने कहा था, ‘कुछ लोग मुझसे लगातार इस फिल्म को देखने के लिए कह रहे थे, इसलिए मैंने इसे देखने का मन बनाया। मैंने इसे डाउनलोड किया और कल रात ही इसे देख पाया, जिसके बाद मैंने इसे करमुक्त करने का निर्णय लिया, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देख सकें।
अखिलेश ने यह भी कहा कि मेरा यह निर्णय उन लोगों के लिए एक संदेश होगा जो कि इसे हिंदू देवी-देवताओं और साधु-संतों का अपमान करार दे रहे हैं।
वहीं कई सपाइयों ने यह भी कहा था कि सरकार का यह निर्णय साहसिक है। अंधविश्वास को आरएसएस और भाजपा ने बढ़ावा दिया है, उन्होंने इसे सेकुलरिज्म को बढ़ावा देने वाला फैसला भी बताया था।
हालांकि, विवाद बढ़ते देख सीएमओ ने सफाई दी और कहा, यूपी के मुख्यमंत्री ने यूएफओ मूवीज नाम की कंपनी को फिल्में डाउनलोड करके देखने का लाइसेंस दिया है, इसलिए इस तरह का विवाद बेवजह है।