काले धन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को कल तक यानी बुधवार तक काले धन से जुड़े सभी नामों को खुलासा करने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि विभिन्न देशों के बैंकों ने काले धन के संबंध में जो भी जानकारी भारत सरकार को दी है, वे सभी एसआईटी को सौंपी जाए।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लगाई थी और उसमें उस आदेश को पलटने का निवेदन किया था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने काले धन से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करने की बात कही थी।
केंद्र ने कहा था कि विभिन्न संधियों के कारण काले धन के मामले में सभी जानकारियां साझा करना मुश्किल है। इसलिए कोर्ट उन्हें राहत दे।
हालांकि कोर्ट ने उनकी याचिका स्वीकार नहीं की और फटकार लगाते हुए कहा कि आपके पास जो भी जानकारियां है, वो एसआईटी को सौंपे। उसके बाद ये तय किया जाएगा कि ये सभी धन काले हैं या कुछ सफेद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने काले धन मामले में जांच के लिए एमबी शाह के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वाले आठ नामों का खुलासा किया था, जिनमें सात लोगों और एक कंपनी का नाम शामिल है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर केंद्र सरकार के हलफनामे में डाबर इंडिया के प्रमोटर प्रदीप बर्मन, राजकोट के सर्राफा व शेयर कारोबारी पंकज चिमनलाल लोढ़िया और गोवा की खनिज कंपनी टिंब्लो प्राइवेट लिमिटेड की मालिक राधा एस टिंब्लो समेत पांच निदेशकों के नाम हैं।
हलफनामे में केंद्र सरकार केंद्र सरकार ने कहा था कि विदेशी बैंकों के सभी खातों को गैरकानूनी नहीं कहा जा सकता है।
इससे पहले दाखिल किए गए हलफनामे में केंद्र सरकार काला धन रखने वालों के नाम का खुलासा करने से मना कर दिया था। केंद्र ने कहा था कि विदेशी बैंकों में खाताधारकों के नामों का उस समय तक खुलासा नहीं किया जा सकता, जब तक उनके खिलाफ टैक्स चोरी से जुड़े सबूत नहीं हों और उनके खिलाफ भारत में कानूनी कार्यवाही शुरू नहीं कर दी गई हो।