विदेशी बैंकों में काला धन जमा करने वालों में से आठ नामों का खुलासा कर विवाद थामने की सरकार की कोशिश परवान नहीं चढ़ पाई है।
पूरी सूची सार्वजनिक करने के बदले महज आठ नामों के खुलासे के बाद सरकार एक बार फिर से विपक्ष ही नहीं बल्कि अपनों के भी निशाने पर है।
भाजपा के पूर्व नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने सरकार के कदम को खोदा पहाड़, निकली चुहिया करार दिया है, वहीं पार्टी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने फिर से सारे नाम सार्वजनिक करने की मांग की है।
स्वामी ने कहा कि सरकार को अपने वादे के अनुरूप पूरी सूची सार्वजनिक करनी चाहिए क्योंकि नाम सार्वजनिक करने के मामले में स्विट्जरलैंड से हुआ करार कोई बाधा नहीं है।
इस मामले में याचिकाकर्ता और पूर्व कानून मंत्री जेठमलानी ने कहा कि सरकार ने खुद 136 लोगों के नाम बताने की बात कही थी। यह तो खोदा पहाड़ निकली चुहिया की तरह का मामला है। उन्होंने इस संबंध में कानून मंत्री अरुण जेटली से सफाई भी मांगी।
हालांकि भाजपा ने सरकार की इस पहल की जम कर तारीफ करते हुए अपनी पीठ थपथपाई। पार्टी ने कहा कि पहली कड़ी में आठ नाम सार्वजनिक करने के बाद यह साफ हो गया है कि सरकार की काला धन जमा करने वालों को बचाने की कोई मंशा नहीं है।
पार्टी प्रवक्ता सांबित पात्रा ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए नाम सार्वजनिक कर अपना वादा निभाना शुरू कर दिया है। पात्रा ने दावा किया कि सरकार निश्चित कानूनी प्रक्रिया के तहत धीरे-धीरे सारे नाम सार्वजनिक करेगी।