‘कातिल’ कंपनी को मिला मेट्रो का काम

वाकई यह बेशर्म सियासत है। एक तरफ तो सरकार के कद्दावर मंत्री आजम खान ने इंदिरा चौक में हादसे के बाद एलएंडटी के खिलाफ मुकदमा कराया, उसे ब्लैक लिस्टेड करने की भी घोषणा की और दूसरी तरफ उसी सरकारे में दागी कंपनी को लखनऊ मेट्रो रेल दौड़ाने का जिम्मा मिल गया।
यह कैसे हुआ? सीवर के गड्ढे में डूबकर हुई तीन मौतों का सदमा झेल रहा मुरादाबाद महानगर यह सवाल पूछ रहा है।
इंदिरा चौक पर 20 सितंबर को रात आठ बजे दर्दनाक हादसा हुआ था। सीवर के लिए खोदे गए गड्ढे में बारिश का पानी था। इस गड्ढे में डूबकर एक महिला और किशोर डूबने लगे तो बचाने पहुंचा युवक भी डूब गया। पहले तो इस घटना को ही झुठलाया गया। बाद में जब लाशें मिल गईं तो कमियां ढूंढने का सिलसिला शुरू हुआ। पाया गया कि गड्ढे के पास कोई संकेतक नहीं था। कोई चौकीदार भी नहीं था और जो भी मानक होते हैं एक भी पूरा नहीं पाया गया।
नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खान ने एलएंडटी के अफसरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश मंडलायुक्त को दिया। साथ ही यह भी कहा कि उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया जाना चाहिए।
उसी आदेश पर 21 सितंबर को मुकदमा दर्ज करा दिया गया। अगले ही दिन 22 सितंबर को जब लाशें मिल गईं तो आजम खान ने जल निगम की पूरी यूनिट को निलंबित करने का आदेश दिया और एलएंडटी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया।
अब लखनऊ में शुक्रवार को यानी चार दिन बाद ही 26 सितंबर को उसी कंपनी को मेट्रो लाइन बिछाने जैसा महत्वपूर्ण काम सौंपा गया है। इस जानकारी के बाद से ही तमाम लोगों को धक्का लगा है। शहर की जनता कह रही है कि फिर कार्रवाई का नाटक क्यों किया गया?