नई दिल्ली। करीब नौ साल पहले वर्ष 2004 में आए सुनामी में अपना घर-बार गंवा देने वाली अंडमान निकोबार की देबोरा ने गुरुवार को एशियन साइकिलिंग चैंपियनशिप में देश के लिए पहला पदक जीतने का कारनामा कर डाला। 19 वर्षीय देबोरा ने पांच सौ मीटर महिला जूनियर टाइम ट्रायल फाइनल में 37.841 सेकेंड का समय निकाल कांस्य पर कब्जा जमाया। कोरिया की जंग योही ने 37.159 सेकेंड का और चीनी ताइपे की चेंग यू षिहायू ने 37.834 का समय निकालकर स्वर्ण और रजत पदक जीता।
सुनामी की चुनौतियों से पार पाकर आगे बढ़ने वाली देबोरा ने कोरिया और चीनी ताइपे की खिलाड़ियों के बीच उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। यदि दो सेकेंड का फासला नहीं पैदा हुआ होता तो वह चांदी की हकदार होतीं। अपने स्कूल का लंबा रास्ता साइकिल से तय करने वाली देबोरा ने इस जीत पर खुशी जाहिर की और कहा, ‘मुझे खुशी है कि मैंने जो योजना बनाई थी उसमें मैं सफल रही। मुझे इस बात की भी खुशी है कि मैं एशियाई चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हूं।’
सुनामी के बाद देबोरा ने परिवार सहित जंगल की ओर भाग कर अपनी जान बचाई थी। इस साल जनवरी में अमृतसर में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतने वाली देबोरा अंडमान के साई केंद्र में ट्रेनिंग करती थीं, लेकिन पिछले आठ माह से दिल्ली के शिविर में एशियाई प्रतियोगिता के लिए तैयारी कर रही हैं। इस चैंपियनशिप से पहले ही उन्होंने पदक जीतने का वादा किया था। चैंपियनशिप के आयोजक सचिव ओंकार सिंह ने देबारा के लिए कहा था कि वह एक आश्चर्यजनक परिणाम देने वाली साइकिलिस्ट है।