मुझे फुटबाल से सख्त नफरत है । इतनी कि मेरे घर में फुटबाल का नाम लेना भी वर्जित है । क्या मजाल की कोई बच्चा बाल को पैर भी लगा दे । i hate football .
कुछ साल बाद मुझे और मेरे परिवार को फुटबॉल की #world cup की टीम में शामिल कर लिया गया । मैं कप्तान हूँ टीम की । मेरा बेटा स्ट्राइकर …….
टीम का क्या हुआ ? पता नहीं …….
” दरबार ” में तवलीन सिंह लिखती हैं ली 70 के दशक में और 80 की शुरुआत तक सोनिया गाँधी राजनीति से इतनी नफरत करती थी की उनके सामने कोई राजनीती और किसी नेता का कोई नाम तक नहीं लेता था । एक विमान दुर्घटना में जब संजय गाँधी की असमय मृत्यु हुई और राजीव गाँधी ने माँ की मदद के लिए पार्टी महासचिव बनने का फैसला लिया तो सोनिया ने बच्चों केसाथ इटली लौट जाने की धमकी दी थी । ऐसे परिवार और ऐसे लोगों के हाथ में कांगियों ने देश सौंप दिया । नतीजा आपके सामने है …..
दरबार …… तवलीन सिंह
अजित सिंह करप्ट