उन्होंने अपने भाषण में देश के विकास के लिए पूर्व सरकारों और पूर्व प्रधानमंत्रियों का आभार व्यक्त किया। लाल किले की प्राचीर पिछले दस साल तक प्रधानमंत्री के रूप में मनमोहन सिंह ने देश को संबोधित किया था।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में स्वंतंत्रतासंग्राम सेनानियों को नमन करते हुए कहाकि आजादी के लिए कई पीढ़ियों ने बलिदान दिया। उन्होंने अपना जवानी और जीवन बलिदान कर दिया।
पीएम ने लाल किले में साफा बांधकर प्रवेश किया।
लाल किले पर मौजूद दर्शकों के लिए ये नया अनुभव है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली में प्रधानमंत्री बनने के बाद के अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली में एक बाहरी आदमी हूं।
उन्होंने माओवादियों और आतंकवादियों से मुख्यधारा से जुड़ने की अपील
देश में घटते लिंगानुपात पर चिंता प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि कॉमनवेल्थ खेलों में भारत ने 64 पदक जीते, जिसमें 39 बेटियां हैं। हमें उन बेटियों पर गर्व है।
किसानों की आत्महत्या पर भी प्रधानमंत्री ने चिंता प्रकट की। उन्होंने गरीबों को बैंक खातों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जन धन योजना की घोषणा की।
उन्होंने कहा कि हर गरीब से गरीब आदमी का बैंक खाता खोला जाएगा, और एक लाख का बीमा किया जाएगा।
निर्माण सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने नया नारा दिया- कम एंड मेक इन इंडिया। उन्होंने कहा कि मैं दुनिया को न्योता देता हूं, भारत आई और निर्माण कीजिए।�
उन्होंने देश के युवाओं से अपील की कि जीरो डिफेकट्स और जीरो इफेक्टस के साथ हम आगे बढ़े तो देश का विकास होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद सालों पहले तक लोगों को लगता था कि हिंदुस्तान सपेरों को देश है। लेकिन आईटी सेक्टर ने देश की छवि बदल दिया।
उन्होंने कहा कि हमें डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ना होगा। हम इलेक्ट्रॉनिक सामनों का आयात करते हैं लेकिन इसका निर्माण किया जाए तो देश की तकदीर बदल जाएगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय रेल देश को जोड़ती थी लेकिन आज आईटी जोड़ता है।
प्रधानमंत्री देश में गांवों के विकास के लिए सांसद आदर्श ग्राम योजना का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि 11 अक्टूबर को योजना का ब्लूप्रिंट रखा जाएगा।
योजना आयोग के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि मौजूद समय में आर्थिक गतिविधियों का दायरा बढ़ चुका है। योजना आयोग इसमें सझम नहीं है। इसलिए योजना अयोग के स्थान पर बहुत ही कम समय एक नया संस्थान गठित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने गरीबी को खत्म करने को संकल्प लिया और गरीबी को खत्म करने के लिए सार्क देशों को भी साथ आने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने कहा मैं देशवासियों कहना चाहता हूं कि आप 12 घंटे काम करेंगे तो मैं 13 घंटे काम करूंगा। मैं प्रधानमंत्री नहीं प्रधानसेवक हूं।