मेरठ के खरखौदा थाना क्षेत्र की युवती से धर्म परिवर्तन और गैंगरेप का मामले में लखनऊ के पुलिस अफसरों के रूख ने सबको चौंका दिया है। एडीजी और आईजी कानून व्यवस्था दोनों ने युवती से रेप की बात को नकार दिया है।
मेरठ डीआईजी रेप की बात को स्वीकार कर चुके हैं और मेडिकल रिपोर्ट तक में रेप की पुष्टि मानी जा रही है। इसके बाद लखनऊ के अफसर किस आधार पर रेप की झुठला रहे हैं, यह समझ से परे है।
एडीजी (कानून व्यवस्था) मुकुल गोयल ने सोमवार को दावा किया था कि युवती का धर्म परिवर्तन तो हुआ, लेकिन उससे गैंगरेप नहीं। जबकि मंगलवार को आईजी (कानून व्यवस्था) अमरेंद्र सेंगर ने भी यही दावा कर दिया कि मेडिकल जांच रिपोर्ट में युवती से जबरन दुराचार की पुष्टि नहीं हुई है।
महत्वपूर्ण बात ये है कि डीआईजी रेंज के. सत्यनारायणा ने जानकारी दी कि धर्म परिवर्तन के साथ ही युवती से दुष्कर्म भी हुआ है। मंगलवार को डीआईजी ने कहा कि युवती का धर्मांतरण होने के साथ ही दुष्कर्म भी हुआ है।
युवती के शरीर से कोई अंग निकालने के सवाल पर मेरठ जोन के आईजी आलोक शर्मा का कहना है कि युवती के शरीर से कोई अंग नहीं निकाला गया है। युवती का जो ऑपरेशन किया गया, वह मुजफ्फरनगर में किसी कुशल चिकित्सक द्वारा किया गया।
युवती से दुष्कर्म होने या न होने के सवाल पर आईजी बोले कि अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
युवती के धारा 164 के बयान, मेडिकल जांच रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। उन्होंने शपथपत्र के आधार पर युवती का धर्मांतरण होना बताया। कहा कि यह काफी संवेदनशील मामला है। युवती ने अभी तक के जो बयान दिए हैं और शपथपत्र दिया है, उनकी गहनता से जांच की जा रही है।
खुद युवती ने अपने मेडिकल परीक्षण के दौरान दुष्कर्म होने की जानकारी दी थी। युवती का बयान उसकी मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट में दर्ज भी है।
बकौल युवती, घटना वाले दिन दोपहर 2 बजे उसे हापुड़ कॉलेज से आते समय हाफिज जी ने धोखे से उसे गाड़ी में बैठा लिया।
वह बोली कि मैं उन्हें जानती भी हूं। बताया कि गाड़ी में एक और लड़का था। फिर उसे खेत ले जाकर कुछ सुंघाने के बाद उससे बलात्कार किया गया। फिर शाम करीब 5 बजे तहसील के पास छोड़ दिया।