अलग ही समां था। गणतंत्र दिवस की 65वीं वर्षगांठ, लुटियंस दिल्ली की सबसे खास इमारत राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में भोज का आयोजन और देश-विदेश के खासमखास मेहमानों का जमघट।
करीब 4,500 मेहमान मौजूद थे और बेहद आम आदमी सा दिखने वाला यह शख्स भी इसी भीड़ का हिस्सा था, लेकिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के ‘ऐट होम’ भोज में पहली बार पहुंचे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महामहिम की महफिल लूट ली।
अपना ट्रेडमार्क मैरून स्वेटर, मफलर और फ्लोटर पहनकर पहुंचे केजरीवाल मुगल गार्डंस में खड़े थे, तो वहां मौजूद लोग उनके ऑटोग्राफ लेने, साथ तस्वीरें खिंचवाने और कई बार तो सिर्फ हाथ मिलाने के लिए उत्साहित दिखे।
सियासत के गलियारों में पेश आ रहा यह ऐसा घटनाक्रम था, जिसका अंदाजा किसी ने नहीं लगाया था। दो साल पहले केजरीवाल ने लोकपाल बिल पर जॉइंट ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन मुखर्जी के साथ मोलभाव किया था और खाली हाथ लौटा दिए गए थे।
शनिवार को भी दोनों नेताओं के बीच धरने को लेकर मतभेद नजर आए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्र के नाम दिए संदेश में ‘लोकप्रियता बटोरने वाली अराजकता’ के खिलाफ चेताया, तो केजरीवाल ने अपने धरने को संवैधानिक बताते हुए उसका बचाव किया।
लेकिन रविवार को अलग नजारा था। प्रणब मुखर्जी मेजबान थे और उनकी महफिल में कूटनीति, राजनीति, प्रशासन, कला और मीडिया के दिग्गज मौजूद थे, पर इस मौके पर केजरीवाल ने अपना अलग समानांतर दरबार लगाया था।