हैदराबाद. राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम में हो रहे टेस्ट मैच के चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 135 रन के विशाल अंतर से हराया। इस जीत के साथ ही कप्तान धोनी भारतीय टेस्ट इतिहास के सबसे सफल कप्तान बने। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी 131 रन पर सिमटी। अश्विन ने 5 विकेट चटकाए।
आर अश्विन ने सातवां झटका देते हुए ग्लेन मैक्सवेल को आउट किया। आईपीएल-6 में सबसे महंगे बिके मैक्सवेल अश्विन की स्पिन नहीं समझ सके और गेंद को मिस कर गए। अंपायर ने इंडियन फील्डर्स की अपील पर LBW आउट देने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाई। मैक्सवेल 8 रन बना कर आउट हुए।
चेतेश्वर पुजारा व मुरली विजय की रिकॉर्डतोड़ बैटिंग और भारतीय स्पिनर्स की कमाल गेंदबाजी के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हैदराबाद टेस्ट में 135 रन और पारी के अंतर से हराया। दोनों टीमों के इतिहास में यह भारत की यह सबसे बड़ी जीत है।
इस जीत के साथ ही कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की 21 टेस्ट जीत के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया। अब वे 22 जीते हुए मैचों के साथ भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं।
धोनी ब्रिगेड ने 34 साल के अंतराल के बाद ऑस्ट्रेलिया को पारी के अंतर से हराने का कारनामा किया। इससे पहले 1979 में हुए मुंबई टेस्ट में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पारी और 100 रन के अंतर से हराया था।
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी महज 131 रन पर सिमट गई। रवींद्र जडेजा और आर अश्विन ने स्पिन से कमाल दिखाते हुए मेहमान टीम के बल्लेबाजों को पस्त कर दिया। ओपनर एड कोवन (44) के अलावा कोई भी बल्लेबाज मैदान पर नहीं टिक सका। ऑस्ट्रेलिया को कप्तान माइकल क्लार्क से मैच बचाऊ पारी की उम्मीद थी, लेकिन वे भी 16 रन बना कर जडेजा की गेंद पर क्लीन बोल्ड हो गए।
टीम इंडिया के लिए आर अश्विन ने 5 और जडेजा ने 3 विकेट चटकाए। इशांत शर्मा को 1 सफलता हाथ लगी।
मैच का संक्षिप्त स्कोर:
ऑस्ट्रेलिया पहली पारी – 237/9 घोषित
माइकल क्लार्क – 91 रन, मैथ्यू वेड – 62 रन
रवींद्र जडेजा – 33 रन देकर 3 विकेट, भुवनेश्वर कुमार – 53 रन देकर 3 विकेट, हरभजन सिंह – 52 रन देकर 2 विकेट और आर अश्विन – 41 रन देकर 1 विकेट।
भारत दूसरी पारी – 503 रन (266 रन की बढ़त)
चेतेश्वर पुजारा – 204 रन, मुरली विजय – 167 रन, कप्तान धोनी – 44 रन
ग्लेन मैक्सवेल – 127 रन देकर 4 विकेट, डोहर्टी – 131 रन देकर 3 विकेट, पैटिंसन – 80 रन देकर 2 विकेट और सिडल – 92 रन देकर 1 विकेट।
ऑस्ट्रेलिया दूसरी पारी – 131 रन ऑलआउट
एड कोवन – 44 रन
रिकी पोंटिंग, मैथ्यू हेडन, माइक हसी, डेमियन मार्टिन और एडम गिलक्रिस्ट जैसे दिग्गजों की अहमियत आज कप्तान माइकल क्लार्क को समझ आ रही होगी। पिछले साल भारतीय टीम को 4-0 से हरा कर हीरो बनी क्लार्क एंड कंपनी हैदराबाद में महज तीसरे ही दिन अपनी हार तय करवा दी थी। चौथे दिन के पहले ही सत्र में मेजबान टीम के स्पिनर्स ने उसे पारी से हरा दिया।
पहले दिन भुवनेश्वर की स्विंग और रवींद्र जडेजा व आर अश्विन की स्पिन ने कंगारुओं को महज 237 रन पर रोक दिया। खुद को होशियार साबित करने के लिए कप्तान क्लार्क ने अपनी पारी को 9वां विकेट गिरते ही डिक्लेयर कर दिया। उन्हें लगा कि उनके गेंदबाज भी भारतीय ओपनर्स को सस्ते में चलता कर मैच में टीम की वापसी करवा देंगे, लेकिन उनका प्लान पूरी तरह फ्लॉप हो गया।
हालांकि, वीरेंद्र सहवाग के सस्ते में आउट होने के बाद ऐसा लग रहा था कि क्लार्क की शातिर चाल काम कर जाएगी, लेकिन एक बार जब पिच पर चेतेश्वर पुजारा और मुरली विजय की जोड़ी जमी तो जैसे मैच का पासा ही पलट गया। रविवार के दिन भारतीय टीम ने महज 1 विकेट के नुकसान पर 311 रन बनाए। तीसरे दिन इस स्कोर को विशाल बनाते हुए मेजबान बल्लेबाजों ने 503 रन बनाए।
एक छोर से इंडियन बैट्समैन रन ठोक कर रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड बना रहे थे, तो दूसरे छोर पर कंगारू गेंदबाज पानी-पानी (विकेट-विकेट) कर रहे थे। निजामों की नगरी में डंका मेजबान टीम का ही बजा।
तीसरे दिन भी आर अश्विन ने अपनी स्पिन के जाल में दो कंगारुओं को फंसा कर कंगारुओं की मुश्किलें चार गुना बढ़ा दीं।
टेस्ट इतिहास में ऑस्ट्रेलिया के नाम सर्वाधिक 353 जीत दर्ज हैं, जिसमें से 85 बार कंगारुओं ने पारी के अंतर से जीत हासिल की है। इसके बावजूद, हैदराबाद के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया की टीम टेस्ट में 14वीं सबसे शर्मनाक हार की कगार पर खड़ा है।