अरविंद केजरीवाल नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव

लोकसभा चुनाव में उतरने को तैयार आम आदमी पार्टी के भीतर प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नाम पर एकराय बनती नहीं दिखती।

अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को जहां लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार किया, वहीं योगेंद्र यादव प्रधानमंत्री पद के लिए अरविंद को सबसे काबिल व्यक्ति बता रहे हैं।

वहीं, केजरीवाल को पार्टी का सबसे बड़ा नेता मानते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि चुनाव परिणाम आने के बाद ही प्रधानमंत्री का नाम तय किया जाएगा।

शनिवार शाम राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के लिए आज केजरीवाल, राहुल गांधी अथवा नरेंद्र मोदी की बहस महत्वपूर्ण नहीं है।

देश की जनता भ्रष्टाचार से पिस रही है। देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए वे सियासत में आए हैं। इसी मकसद के साथ लोक सभा चुनाव में भी जा रहे हैं।

इससे पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता योगेन्द्र यादव ने कहा कि उनका तो सपना है कि अरविंद केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री बनें। वह इस काबिल हैं।

उन्होंने कहा कि राहुल बनाम मोदी की लड़ाई इस देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। देश को इससे बेहतर विकल्प देने की स्थिति चर्चा करेंगे।

सवालों के जवाब में केजरीवाल ने कहा कि देश के कोने-कोने से लोग नौकरी छोड़कर, दुकान बंद कर ‘आप’ के साथ जुड़ रहे हैं। लोगों को ‘आप’ से बहुत सी उम्मीदें हैं। उनका यकीन वे किसी कीमत पर नहीं तोड़ना चाहते।

उधर, प्रशांत भूषण ने कहा कि अरविंद केजरीवाल पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं। लेकिन पार्टी ने अभी तक प्रधानमंत्री उम्मीदवार का नाम तय नहीं किया है। चुनाव परिणाम आने के बाद ही इस पर फैसला किया जाएगा।

प्रशांत ने साफ किया पद नहीं, मुद्दे जरूरी हैं। पार्टी भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था, महंगाई, बिजली-पानी जैसे तमाम मसलों के साथ चुनाव में जा रही है। केंद्र में प्रधानमंत्री का पद नहीं, आम आदमी होगा। पार्टी उसकी लड़ाई लड़ेगी।

सप्ताह में एक दिन सड़क पर बैठेगी सरकार 
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया जनता की शिकायतों को सुनने के लिए उनका पूरा मंत्रिमंडल सप्ताह में एक दिन सचिवालय के सामने सड़क पर बैठेगा।

इसमें आम लोगों की शिकायतें सुनी जाएंगी कोशिश होगी कि मौके पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान किया जा सके। हालांकि, उन्होंने इसे जनता दरबार कहने से इंकार किया।

उन्होंने कहा कि दरबार सही शब्द नहीं लगता। इसके लिए कोई दूसरा शब्द ढूंढ़ना पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि उनका नया आशियाना उनकी विधान सभा सीट के क्षेत्र में ही होगा। इस बीच वह लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए अपने कार्यालय पर बैठेंगे।