मुजफ्फरनगर के दंगा राहत शिविरों में रह रहे लोगों की दुश्वारियों से संबंधित खबरों को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सोमवार को मीडिया पर ही भड़क गए।
पीड़ितों के राहत शिविर और सैफई महोत्सव को एक साथ जोड़कर दिखाए जाने से झल्लाए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि लोग आलोचना के बजाय सुझाव दें तो बेहतर होगा।
बोले- कई बड़े-बड़े नेता राहत शिविरों को देखने गए। हम शिविरों में रह रहे लोगों को वापस घर भेजने के बारे में सुझाव मांगते हैं तो देते नहीं, न्यूज चैनल खबर चलवाने में आगे हैं।
उन्होंने लोगों से दंगा पीड़ितों की मदद के लिए आगे आने की अपील करते हुए कहा कि इसे मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दें। इसे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचवा दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर सोमवार को आईटी सिटी केसंबंध में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू होते ही मुख्यमंत्री ने सैफई महोत्सव व राहत शिविरों को जोड़कर दिखाई जा रही खबरों पर नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार दंगा पीड़ितों की पूरी मदद कर रही है। बहुत से लोग राहत शिविरों से चले गए हैं लेकिन कुछ हैं जो मानते ही नहीं। राहत शिविरों में पुख्ता इंतजाम हैं।
वह मुख्य सचिव से ऐसा रास्ता निकालने को कहेंगे कि जो लोग मुजफ्फरनगर केदंगा पीड़ित बच्चों की मदद करना चाहते हैं वह मुख्यमंत्री राहत कोष में दे दें, सरकार इसे बंटवा देगी।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उन्होंने कटाक्ष किया कि बडे़ नेता वहां गए लेकिन कोई मदद नहीं की। उनसे सुझाव मांगा था वह भी नहीं दिया। आधा-आधा घंटा न्यूज चैनलों पर नकारात्मक समाचार जरूर चलवाए।
अखिलेश ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने उन्हे फोन किया था। वह राहत शिविरों को देखने भी गए। अच्छी बात है। उनसे भी कहा है कि अगर उनका कोई सुझाव है तो बताएं, सरकार अमल करेगी।
आम आदमी पार्टी द्वारा प्रदेश की 50 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि इसमें कौन सी बड़ी बात है।
दिल्ली में चुनौतियां स्वीकार करके सरकार बनाने के लिए आप को बधाई देते हुए अखिलेश ने कहा कि लोगों को बहकाना आसान है लेकिन समझाना मुश्किल।