सीबीआई की अदालत में बुधवार दोपहर 3:15 तीन बजे आवाज गूंजी ‘बालकृष्ण हाजिर हो’। आवाज सुनते ही बाहर परिसर में खड़े बालकृष्ण अदालत में आकर भीड़ के बीच खड़े हो गए। इस बार न तो उनके साथ सुरक्षा कर्मी थे और न वकीलों का जत्था। पहले जैसी हनक भी गायब थी।
अदालत में वे अन्य मामलों में पेश हुए अभियुक्तों के साथ खड़े रहे। खास से आम होने का मलाल उनके चेहरे पर भी झलक रहा था।
दो बार अदालत में पेश हुए
बालकृष्ण पहले अदालत में पेश होते थे तो नजारा ही कुछ और होता था। बालकृष्ण के साथ कई सुरक्षाकर्मी और अधिवक्ता अदालत में मौजूद रहते थे। बालकृष्ण की पेशी के दौरान कोर्ट खाली रहता था और वे हाजिरी लगाकर एक मिनट के भीतर लौट जाते थे।
जबकि अन्य अभियुक्तों को सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक पेशी के लिए इंतजार करना पड़ता है। बुधवार को बालकृष्ण साढ़े तीन घंटे में दो बार अदालत में पेश हुए। दोपहर ठीक बारह बजे कोर्ट में पेश होने के बाद वे लौट गए। दुबारा सवा तीन बजे कोर्ट पहुंचे। कोर्ट परिसर में बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी मौजूद थे।
हम डरने वाले नहीं : बालकृष्ण
कोर्ट से बाहर आने के बाद बालकृष्ण ने कहा कि हम किसी की भपकी से डरने वाले नहीं। हमारे खिलाफ चाहे सरकार, शासन, प्रशासन सब एक हो जाएं, हमें न्यायालय पर पूरा विश्वास है। देश की जनता सब समझती है और हम पर विश्वास करती है।