मौद्रिक नीति की प्रक्रिया को और स्पष्ट बनाना
मौद्रिक नीति पेश करते हुए रिजर्व बैंक गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि अगली कुछ तिमाहियों में हमारा जोर पांच सूत्री एजेंडे पर होगा। इसमें पहला प्रमुख कार्य आरबीआई की मौद्रिक नीति की प्रक्रिया को और स्पष्ट और मजबूत बनाना रहेगा।
बैकिंग लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान बनाना
रिजर्व बैंक गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि अगली कुछ तिमाहियों में हमारा जोर पांच सूत्री एजेंडे पर होगा। दूसरा अहम कार्य नए बैंकिंग लाइसेंस को लेकर रहेगा, जिसमें बैंकों का नेटवर्क विस्तार और विदेशी बैंकों को अधिक नियमन शामिल है।
बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़े
रिजर्व बैंक गर्वनर रघुराम राजन ने कहा कि अगली कुछ तिमाहियों में हमारा जोर पांच सूत्री एजेंडे पर होगा। तीसरी अहम बात यह होगी कि वित्तीय बाजार को इस तरह बनाया जाए कि सेक्टर में जहां तरलता बढ़े, वहीं किसी भी तरह के जोखिम से निपटने के लिए वह मौजूदा स्तर से ज्यादा मजबूत बने।
गरीब तबके के लोगों को बैंकिंग सुविधाएं
एजेंडे के तहत रिजर्व बैंक का चौथा कार्य छोटे और मझोले कारोबारियों को आसानी से कर्ज की सुविधा मुहैया कराना है। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन के तहत रिजर्व बैंक का जोर असंगठित क्षेत्र और गरीब तबके के लोगों को बैंकिंग सुविधाएं ज्यादा से ज्यादा पहुंचाने पर है।
आर्थिक सुस्ती के जाल से बचाना
पांचवां प्रमुख कार्य कॉरपोरेट और वित्तीय संस्थानों को आर्थिक सुस्ती के जाल से बचाना है। इसके तहत कर्ज वसूली आदि के नियमों को कहीं ज्यादा प्रभावी बनाने पर जोर रहेगा। आरबीआई गवर्नर के अनुसार इस पांच सूत्री एजेंडे को पूरा करने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत विभिन्न समितियां बनाई गई हैं। इसके आधार पर रिजर्व बैंक फैसला करेगा। मौद्रिक नीति फ्रेमवर्क के लिए उर्जित पटेल समिति अपनी सिफारिशें पेश करेगी। इसी तरह वित्तीय समावेशन के लिए नचिकेत मोर समिति अपनी सिफारिशें देगी।