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इम्तियाज का मोबाइल खंगाला, तौफिक के घर पुलिस की दस्तक

रांची। पटना के गांधी मैदान में हुए धमाकों के रांची से जुड़े तार और मजबूत होते जा रहे हैं। मंगलवार को सीरियल ब्लास्ट की जांच के सिलसिले में समस्तीपुर व पटना जीआरपी के डीएसपी और गांधीनगर थाना के दो सब इंस्पेक्टर जांच के लिए रांची पहुंचे। मंगलवार को तीनों अफसरों ने धुर्वा थाना में दर्ज प्राथमिकी देखी। दिनभर पुलिस ने जांच के क्रम में धुर्वा थाना पुलिस द्वारा जब्त विस्फोटक सामग्री देखा और उस पर रिपोर्ट तैयार की।
पटना रेलवे स्टेशन के 10 नंबर प्लेटफार्म पर विस्फोट की जांच कर रहे जीआरपी डीएसपी संजय कुमार झा ने धुर्वा थाना में जब्त विस्फोटक और इम्तियाज के घर से जब्त लादेन की किताब और पोस्टर भी देखे। धुर्वा थाना पुलिस द्वारा जब्त दोनों मोबाइल जांच अधिकारियों ने खंगाले। इन दोनों फोनों में 200 से अधिक नंबर मिले। पुलिस ने दोनों नंबरों को ट्रेकिंग पर डाल दिया है और मोबाइल से किए गए कॉल्‍स की भी जांच की जा रही है। डीएसपी ने इम्तियाज के घर से मिली विस्फोटक सामग्री का लेखा-जोखा भी दर्ज किया।
आतंकी सेलफोन नहीं ले गये थे
झारखंड पुलिस ने बताया कि पटना बम ब्लास्ट के लिए रांची से गये तीनों आतंकी अपना-अपना सेल फोन साथ नहीं ले गये थे। उन्‍हें जब भी किसी बात करनी होती तो वे कागज के टुकड़े पर नंबर नोट कर लेते थे। कागज के कई टुकड़ों में जब्त सेलफोन के नंबर पुलिस को मिले हैं। इसके अलावा पटना के गांधी मैदान में बम ब्लास्ट की घटना के वक्‍त ड्यूटी पर तैनात सबइंस्पेक्टर संजय कुमार पांडेय ने बताया कि जितने भी बम विस्फोट हुए सभी हाई डेंसिटी के थे। सब इंस्पेक्टर की ड्यूटी गांधी मैदान में उस जगह थी, जहां से वीवीआईपी का आगमन होना था।
इससे पहले सोमवार को रांची पहुंची पटना पुलिस ने खुलासा किया था कि गांधी मैदान में हुए धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) का स्लीपर सेल है। रांची से 12 से अधिक आरोपी पटना गए और इन्होंने अलग-अलग टीमों के रूप में काम करते हुए धमाकों को अंजाम दिया। पुलिस टीम ने बताया कि धमाकों को अंजाम देने के बाद आतंकी वापस रांची और आसपास के इलाकों में छिप गए।
पटना से रांची पहुंची पुलिस टीम में गांधी मैदान थाने के दो एसआई संजय कुमार पांडेय व गोपाल सिंह और तीन सिपाही शामिल हैं। इस टीम ने एनआईए के साथ मिलकर राजधानी के धुर्वा, डोरंडा, मनीटोला, कर्बला चौक, भुइयांटोली समेत कई इलाकों में ताबड़तोड़ छापे मारे। इस दौरान सोनू नामक एक युवक को हिरासत में लिया। कई लोगों से पूछताछ की। उधर, पटना में इम्तियाज को पकडऩे वाले जीआरपी के कांस्टेबल राम पुकार सिंह को 25 हजार रुपए इनाम दिए जाने की घोषणा की गई है।
उधर, बिहार पुलिस के एडीजीपी राजेश चंद्रा ने बताया कि आईएम के तहसीन उर्फ मोनू और वकास ने धमाके करवाए हैं। दोनों पर पहले से ही 10 लाख रुपए का इनाम घोषित है। पटना में गिरफ्तार इम्तियाज अंसारी ने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को बताया कि उसके साथ छह-छह लोगों की तीन टीमें पटना पहुंची थीं। उनकी कोशिश दहशत फैलाकर भगदड़ मचाने की थी। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मौत हो जाए। पुलिस को 18 लोगों की तलाश है। इसके लिए पटना में सोमवार को 200 से अधिक होटलों को खंगाला गया।
धमाकों के सिलसिले में इम्तियाज की गिरफ्तारी को अहम कड़ी माना जा रहा है। सीठिओ स्थित उसके घर में 30 कमरे हैं। इसमें उसका परिवार रहता है। वह छह भाइयों में पांचवें नंबर पर है। उसे छोड़ कर पांचो भाइयों ने शादी कर घर बसा लिया है। उसकी भाभी ने बताया कि शुक्रवार को इम्तियाज और तौफिक जमात (धर्म प्रचार) के लिए कोलकाता जाने के लिए घर से निकले थे।

NCR Khabar News Desk

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