नई दिल्ली। सीमा पर भारत पाकिस्तानी सेना की गोलियां तो पहले से खा रहा है, लेकिन अब पड़ोसी देश की प्याज भी हमारी मजबूरी होगा। देश में प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच सरकार आयात के दरवाजे खोल चुकी है। ऐसे में भारतीय प्याज संकट का सबसे ज्यादा फायदा भी पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के व्यापारी और निर्यातक ही उठाएंगे, जो सबसे कम वक्त में अपनी फसल पहुंचा सकते हैं।
त्योहारों के मौसम में पेट्रोल से भी ज्यादा भड़के प्याज के दामों को काबू करने के लिए भारत ने सरकारी स्तर पर भी प्याज के आयात की ताबड़तोड़ कोशिशें शुरू कर दी हैं। सरकारी एजेंसी नैफेड पाकिस्तान के अलावा चीन, ईरान, मिस्न जैसे देशों से प्याज खरीदने की कोशिश में है। इसके अलावा निजी आयातकों को भी विदेश से प्याज खरीदने की छूट दे दी गई है। कहने को भारत दुनिया के शीर्ष प्याज उत्पादक मुल्कों में है।
लेकिन भारी घरेलू खपत वाले भारत के बाजार में प्याज का संकट अगर आम है तो इसे भुनाने वालों की फेहरिस्त भी कम नहीं है। लिहाजा भारत के साथ सीमा पर तनाव के बावजूद उसके साथ पाक का प्याज कारोबार कम ही प्रभावित होता है।
पाकिस्तानी व्यापारियों के लिए भारत का बाजार सोने की खान है। वहीं सीधे सड़क संपर्क के कारण उसके लिए भारतीय बाजार में अपना प्याज पहुंचाना भी सबसे आसान है।
सूत्रों का कहना है कि हाल ही में अफगानी फसल के नाम पर दिल्ली के बाजारों में पहुंचा प्याज भी दरअसल पाकिस्तान का ही है। इस वक्त पाकिस्तान में बलूचिस्तान इलाके की पैदावार उपलब्ध है। अगले कुछ दिनों में सिंध से भी प्याज की फसल बाजार में आ जाएगी। दामों के लिहाज से भी पाक काफी प्रतिस्पर्धी दामों पर प्याज भारत को मुहैया करा सकता है। पाकिस्तानी बाजारों में प्याज करीब 20-30 रुपये किलो है। ऐसे में पाक व्यापारी डेढ़ से दो गुना दामों पर भी अपना प्याज भारत को निर्यात करें तो यह भारतीय बाजारों के लिए सस्ता होगा।