अभी जारी रहेगा आर्थिक सुस्ती का दौर

564020_634049853306006_1078079808_nआर्थिक सुस्ती का असर अब तेजी से विभिन्न क्षेत्रों पर पड़ रहा है। सीआईआई-ऐसकॉन सर्वेक्षण के अनुसार जुलाई से सितंबर के दौरान नकारात्मक ग्रोथ के वर्ग में आने वाले क्षेत्रों की संख्या साल 2012 की तुलना में बढ़ी है।

सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए अभी रिवाइवल की संभावना कम नजर आ रही है। ऐसे में सरकार को खास कदम उठाने होंगे। जिससे कि अर्थव्यवस्था से सुस्ती का माहौल दूर हो सके।

सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार पिछले वित्त वर्ष से लगातार अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ रही है। सबसे अहम बात यह है कि अभी भी सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं। हाल ही में सरकार ने रुपए को संभालने, निर्यात बढ़ाने जैसे कदम उठाए हैं, पर अभी और कदम उठाने की जरूरत है। खास तौर से प्रोजेक्ट क्लीयरेंस में तेजी लानी होगी।

सीआईआई-ऐसकॉन सर्वेक्षण के तहत 91 क्षेत्रों को शामिल किया गया है। जिसमें 84.61 फीसदी क्षेत्र नकारात्मक ग्रोथ या धीमी ग्रोथ से जूझ रहे हैं। साल 2012 जुलाई से सितंबर की अवधि में इस क्षेत्र की यह दर 76.10 फीसदी थी। इसी तरह उच्च ग्रोथ में 29.1 फीसदी क्षेत्र की जगह अब केवल 10.98 फीसदी क्षेत्र रह गए हैं।

हालांकि इस दौर में व्हाइट गुड्स इंडस्ट्री में तेजी बनी हुई है। इंडस्ट्री 12-15 फीसदी की दर से बढ़ रही है। जिसमें एलसीडी और एलईडी सेगमेंट करीब 20 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।